दिल्ली सरकार ने बुधवार शाम भारी बारिश के बाद शहर में मॉनसून की तैयारियों को मजबूत करने के लिए नागरिक निकायों को तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. नालों की नियमित सफाई और कचरे को हटाने पर विशेष जोर दिया गया है. यह निर्णय मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की अध्यक्षता में लोक निर्माण विभाग (PWD) मंत्री परवेश साहिब सिंह वर्मा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हुई महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया.
बारिश से उजागर समस्याएं
हालांकि मिंटो रोड और आईटीओ जंक्शन जैसे क्षेत्रों में इस बार जलभराव नहीं हुआ, लेकिन शहर में 22 संवेदनशील स्थानों की पहचान की गई. इन क्षेत्रों में बारिश के बाद जलभराव की समस्या देखी गई. सरकार ने अब नालों की सफाई और कचरा हटाने को दैनिक कार्य बनाने का आदेश दिया है, जो पहले केवल बारिश के पूर्वानुमान पर किया जाता था.
नालों और कचरे पर ध्यान
छोटे नालों और पुलियाओं की सफाई पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है, क्योंकि ये अक्सर कचरे से अवरुद्ध हो जाते हैं. सड़कों और नालों के पास जमा कचरा जल निकासी में बाधा का प्रमुख कारण रहा है. नागरिक निकायों को नियमित कचरा हटाने और जलभराव संभावित क्षेत्रों की निगरानी के लिए जिम्मेदार बनाया गया है. वरिष्ठ अधिकारियों को अब सूखे दिनों में भी इन क्षेत्रों का निरीक्षण करने का निर्देश है.
जिम्मेदारी और समन्वय
सरकार ने विभागों से समयबद्ध कार्ययोजना तैयार करने और समन्वय बढ़ाने को कहा है. बैठक में बताया गया, “विभागों को जमीनी कर्मचारियों की जिम्मेदारी स्पष्ट करनी होगी, ताकि देरी और विफलताओं का पता लगाया जा सके.” यह कदम तब उठाया गया है, जब एजेंसियां अक्सर एक-दूसरे पर दोषारोपण करती हैं.
मॉनसून की अगली चुनौती
आगामी बारिश के दिनों में यह नया दृष्टिकोण कितना प्रभावी होगा, यह अगली बारिश में साबित होगा. सरकार का लक्ष्य प्रतिक्रियात्मक समाधानों से हटकर निवारक रखरखाव की दिशा में बढ़ना है.