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Saroj Khan Death Anniversary: 13 साल में बाप की उम्र के शख्स से क्यों रचाई थी सरोज खान ने शादी, इमोशनल है वजह

आज मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान की डेथ एनिवर्सरी है. 3 जुलाई 2020 को 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका निधन हो गया था, लेकिन सरोज खान की कोरियोग्राफी आज भी बॉलीवुड में जिंदा है. सरोज खान ने 2,000 से ज्यादा गानों को अपने अनोखे अंदाज में कोरियोग्राफ किया.

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Edited By: Antima Pal
Saroj Khan Death Anniversary
Courtesy: social media

Saroj Khan Death Anniversary: आज मशहूर कोरियोग्राफर सरोज खान की डेथ एनिवर्सरी है. 3 जुलाई 2020 को 71 साल की उम्र में कार्डियक अरेस्ट के चलते उनका निधन हो गया था, लेकिन सरोज खान की कोरियोग्राफी आज भी बॉलीवुड में जिंदा है. सरोज खान ने 2,000 से ज्यादा गानों को अपने अनोखे अंदाज में कोरियोग्राफ किया. 'एक दो तीन', 'धक धक करने लगा', और 'डोला रे डोला' जैसे गाने उनकी कला का नमूना हैं. उनकी जिंदगी भी उतनी ही प्रेरणादायक और भावनात्मक रही, जितनी उनकी कोरियोग्राफी.

तीन साल की उम्र में फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट शुरू किया काम

सरोज खान का असली नाम निर्मला नागपाल था. 1948 में मुंबई में जन्मीं सरोज ने महज तीन साल की उम्र में फिल्मों में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट काम शुरू किया. 13 साल की उम्र में उन्होंने अपने डांस गुरु बी. सोहनलाल से शादी कर ली, जो उस वक्त 43 साल के थे. यह शादी उनकी जिंदगी का एक भावनात्मक मोड़ थी. सरोज ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वह अपने गुरु के प्रति गहरी श्रद्धा और प्यार रखती थीं. उनके लिए सोहनलाल सिर्फ गुरु नहीं, बल्कि एक प्रेरणा थे. उस उम्र में वह शादी का मतलब पूरी तरह नहीं समझती थीं. एक दिन सोहनलाल ने उनके गले में काला धागा बांध दिया और वह उनकी पत्नी बन गईं.

14 साल की उम्र मां बनी थी सरोज खान

हालांकि शादी के बाद सरोज को पता चला कि सोहनलाल पहले से शादीशुदा हैं और उनके चार बच्चे हैं. यह सच उनके लिए सदमे जैसा था. 14 साल की उम्र में वह मां बनीं, जब उनके बेटे राजू खान का जन्म हुआ. इस रिश्ते में कई मुश्किलें आईं और आखिरकार 1965 में दोनों अलग हो गए. बाद में सरोज ने इस्लाम कबूल किया और बिजनेसमैन सरदार रोशन खान से दूसरी शादी की. इस शादी से उनकी बेटी सुकन्या खान हुईं. सरोज की जिंदगी में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी. 

तीन नेशनल अवॉर्ड और आठ फिल्मफेयर अवॉर्ड जीते 

उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें बॉलीवुड की पहली महिला कोरियोग्राफर बनाया. तीन नेशनल अवॉर्ड और आठ फिल्मफेयर अवॉर्ड जीतने वाली सरोज खान की कहानी हर किसी को प्रेरित करती है. उनकी कोरियोग्राफी और जिंदगी की कहानी आज भी लोगों के दिलों में जिंदा है.