एनिमेशन फिल्मों को लेकर अक्सर कहा जाता है कि वे बॉक्स ऑफिस पर सीमित दर्शकों तक ही सिमट जाती हैं. लेकिन महावतार नरसिंह ने इस धारणा को पूरी तरह बदलकर रख दिया है. 40 करोड़ रुपये के बजट में बनी इस फिल्म ने न सिर्फ दर्शकों का दिल जीता बल्कि 300 करोड़ रुपये की वैश्विक कमाई कर नया कीर्तिमान भी स्थापित किया.
25 जुलाई को रिलीज़ हुई यह फिल्म आज भी देशभर के 200 से ज्यादा सिनेमाघरों में चल रही है और परिवारों तथा बच्चों के बीच लगातार लोकप्रिय बनी हुई है.
निर्माताओं ने शुक्रवार को घोषणा की कि महावतार नरसिंह ने थिएटर्स में 50 दिन पूरे कर लिए हैं. फिल्म की टीम ने सोशल मीडिया पर लिखा कि दर्शकों के अटूट समर्थन और प्रेम ने इस फिल्म को ऐतिहासिक सफलता दिलाई है. शुरुआती उम्मीदें मामूली थीं, लेकिन फिल्म ने न केवल रिकॉर्ड बनाए बल्कि भारतीय एनीमेशन के इतिहास में खुद को एक मील का पत्थर साबित किया.
𝐀 𝐆𝐥𝐨𝐫𝐢𝐨𝐮𝐬 𝐌𝐢𝐥𝐞𝐬𝐭𝐨𝐧𝐞 𝐄𝐭𝐜𝐡𝐞𝐝 𝐈𝐧 𝐇𝐢𝐬𝐭𝐨𝐫𝐲 🦁🔥
— Hombale Films (@hombalefilms) September 12, 2025
UNSTOPPABLE! 𝟓𝟎 𝐃𝐀𝐘𝐒 of #MahavatarNarsimha in theatres and still ROARING across 200+ cinemas!
Your Unwavering Love made this HISTORIC MILESTONE possible.
We’re grateful beyond words 🙏🏻❤️… pic.twitter.com/BHaooTQGXY
महावतार नरसिंह केवल एक फिल्म नहीं, बल्कि सात भागों वाले 'महावतार सिनेमैटिक यूनिवर्स' की पहली कड़ी है, जो भगवान विष्णु के दशावतार पर आधारित है. इसके बाद महावतार परशुराम (2027), महावतार रघुनंदन (2029), महावतार द्वारकाधीश (2031), महावतार गोपालानंद (2033) और महावतार कल्कि (2035–2037) जैसी फिल्में आने वाली हैं.
निर्देशक अश्विन कुमार का कहना है कि यह पूरी यात्रा प्रेम और समर्पण का परिणाम है. हर फ्रेम को बारीकी से रचा गया और पूरी टीम ने इसे एक सामंजस्यपूर्ण रूप देने के लिए अथक मेहनत की. उनके अनुसार, भारत में इस स्तर की एनीमेशन परियोजना पहले कभी नहीं देखी गई.
फिल्म का सबसे बड़ा आकर्षण बच्चों और परिवारों का जुड़ाव रहा. भक्त प्रह्लाद और भगवान नरसिंह की कथा को आधुनिक एनीमेशन तकनीक और 3डी फॉर्मेट में प्रस्तुत करना दर्शकों के लिए नया अनुभव था. हिंदी, तेलुगु, तमिल, मलयालम और कन्नड़ सहित पांच भाषाओं में रिलीज़ हुई इस फिल्म ने पैन-इंडिया दर्शकों को आकर्षित किया. इसकी सफलता ने साफ कर दिया है कि इस फ्रेंचाइज़ी की अगली कड़ियां भी दर्शकों तक जरूर पहुंचेंगी.