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India Daily

Kantara Chapter 1: 'कांतारा चैप्टर 1' में कांकवती के किरदार से छाईं स्टार रुक्मिणी वसंत, पिता थे अशोक चक्र विजेता, आतंकी हमले में गंवाई जान

कन्नड़ सिनेमा की उभरती अभिनेत्री रुक्मिणी वसंत इन दिनों अपनी फिल्म 'कांतारा: चैप्टर 1' की जबरदस्त सफलता का आनंद ले रही हैं. ऋषभ शेट्टी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने राजकुमारी कांकवती का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. लेकिन रुक्मिणी की जिंदगी का एक और पहलू है, जो कम लोग जानते हैं.

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Edited By: Antima Pal
Kantara Chapter 1
Courtesy: social media

Kantara Chapter 1: कन्नड़ सिनेमा की उभरती अभिनेत्री रुक्मिणी वसंत इन दिनों अपनी फिल्म 'कांतारा: चैप्टर 1' की जबरदस्त सफलता का आनंद ले रही हैं. ऋषभ शेट्टी के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उन्होंने राजकुमारी कांकवती का किरदार निभाया, जिसे दर्शकों ने खूब सराहा. लेकिन रुक्मिणी की जिंदगी का एक और पहलू है, जो कम लोग जानते हैं. उनके पिता कर्नल वासंथ वेणुगोपाल कर्नाटक के पहले शख्स थे, जिन्हें शांति काल में वीरता के लिए भारत का सर्वोच्च सम्मान अशोक चक्र मिला. 

रुक्मिणी ने 2019 में कन्नड़ फिल्म 'बीरबल' से अपने करियर की शुरुआत की थी. लेकिन 2023 में आई दो हिस्सों वाली रोमांटिक ड्रामा 'सप्त सागरदाचे एलो' ने उन्हें स्टार बना दिया. इस फिल्म में उनके अभिनय ने उन्हें फिल्मफेयर क्रिटिक्स अवॉर्ड फॉर बेस्ट एक्ट्रेस - कन्नड़ दिलाया. उनकी सशक्त एक्टिंग ने दर्शकों का दिल जीत लिया. रुक्मिणी के पिता कर्नल वासंथ वेणुगोपाल 9वीं बटालियन, माराठा लाइट इन्फैंट्री के कमांडिंग ऑफिसर थे. 31 जुलाई 2007 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में भारत-पाक सीमा पर आतंकियों की घुसपैठ रोकते हुए उन्होंने अपनी जान न्योछावर कर दी.

'कांतारा चैप्टर 1' में कांकवती के किरदार से छाईं स्टार रुक्मिणी वसंत

जख्मी होने के बावजूद उन्होंने अपनी टीम का नेतृत्व किया और सभी आतंकियों को मार गिराया. उनकी इस बहादुरी के लिए उन्हें मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. कर्नल वेणुगोपाल का सफर 1988 में देहरादून के इंडियन मिलिट्री अकादमी से शुरू हुआ. 1989 में सेकंड लेफ्टिनेंट बने और फिर 18 साल की सेवा में पठानकोट, सिक्किम, गांधीनगर, रांची, बैंगलोर और जम्मू-कश्मीर जैसे कई स्थानों पर तैनात रहे. 2004 में वे लेफ्टिनेंट कर्नल बने.

300 करोड़ रुपये से ज्यादा की कर ली कमाई

रुक्मिणी अपने पिता को खोने के दर्द को कई बार बयां कर चुकी हैं. उन्होंने कहा, 'मैं छोटी थी जब पापा गए. मां की जिंदगी पूरी तरह बदल गई, लेकिन उन्होंने अपने दुख को ताकत बनाया और दूसरों की मदद की. यह देखकर मुझे समाज सेवा और दुख को सकारात्मक दिशा देने की प्रेरणा मिली. 'कांतारा: चैप्टर 1' ने वर्ल्डवाइड 300 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई की है. यह इस साल की पहली कन्नड़ फिल्म है, जिसने यह आंकड़ा पार किया. ओपनिंग वीकेंड में यह केजीएफ चैप्टर 2 के बाद दूसरी सबसे बड़ी कन्नड़ फिल्म रही.