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India Daily

'सीमा पर पटाखे फोड़ने से काम नहीं चलेगा...', पहलगाम आतंकी हमले पर जावेद अख्तर का फूटा गुस्सा, भारत सरकार से कर दी ये मांग

पाकिस्तान के आर्मी चीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा 'कुछ ऐसा करो कि वहां का पागल आर्मी चीफ, कोई समझदार व्यक्ति उनके जैसा भाषण न दे सके' जावेद ने पाकिस्तानी सेना की बयानबाजी के पीछे की मानसिकता पर भी सवाल उठाया.

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Edited By: Antima Pal
Javed Akhtar Slams Pakistan
Courtesy: social media

Javed Akhtar Slams Pakistan: मुंबई में ग्लोरियस महाराष्ट्र फेस्टिवल 2025 में दिग्गज गीतकार ने केंद्र सरकार से पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा. उन्होंने कहा 'यह सिर्फ एक बार नहीं बल्कि कई बार हुआ है. मैं केंद्र सरकार से अनुरोध करता हूं कि वह तत्काल कदम उठाए. सीमा पर कुछ पटाखे फोड़ने से काम नहीं चलेगा. अब एक ठोस कदम उठाएं.'

'सीमा पर पटाखे फोड़ने से काम नहीं चलेगा...'

पाकिस्तान के आर्मी चीफ का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा 'कुछ ऐसा करो कि वहां का पागल आर्मी चीफ, कोई समझदार व्यक्ति उनके जैसा भाषण न दे सके' जावेद ने पाकिस्तानी सेना की बयानबाजी के पीछे की मानसिकता पर भी सवाल उठाया और कहा कि 'वह कहते हैं कि हिंदू और मुसलमान अलग-अलग समुदाय हैं. उन्हें इस बात की भी परवाह नहीं है कि उनके देश में भी हिंदू हैं. तो क्या उनका कोई सम्मान नहीं है? वह किस तरह का आदमी है?'

पहलगाम आतंकी हमले पर जावेद अख्तर का फूटा गुस्सा

उन्होंने हमले में अपनी जान गंवाने वाले तीन मुंबईकरों - संजय लेले, अतुल मोने और हेमंत जोशी को श्रद्धांजलि दी. जावेद ने गंभीरता से कहा 'वे शांति और खुशी की तलाश में थे. शायद उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था. इसी की तलाश में वे पहलगाम गए. उन्हें वहां बेरहमी से गोली मार दी गई. यह कोई साधारण बात नहीं है.' पाकिस्तान की अपनी यात्रा को याद करते हुए जावेद ने कहा 'मैं एक साहित्यिक उत्सव के लिए लाहौर गया था... एक महिला ने मुझे बताया कि भारतीय उन्हें आतंकवादी मानते हैं.

पाकिस्तान के दुष्प्रचार को सीधे तौर पर आड़े हाथों लिया

उन्होंने कश्मीर के बारे में पाकिस्तान के दुष्प्रचार को सीधे तौर पर आड़े हाथों लिया और कहा कि 'वे कहते हैं कि कश्मीरी दिल से पाकिस्तानी हैं और भारत ने उन पर कब्जा कर लिया है झूठ सच तो यह है कि जब उन्होंने 1948 में हमला किया, तो स्थानीय कश्मीरियों ने उन्हें 3 दिनों तक रोके रखा. हमारी सेना 3 दिन बाद वहां पहुंची. सच तो यह है कि वे भारत के बिना नहीं रह सकते. भारत के किसी भी हिस्से में किसी भी कश्मीरी को पूरी सुरक्षा दी जानी चाहिए.'