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चावल के ऐड से क्यों फंसे दुलकर सलमान? फूड पॉइजनिंग मामले में भेजा गया नोटिस

केरल के पथनमथिट्टा उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक्टर दुलकर सलमान को फूड पॉइजनिंग मामले में नोटिस जारी किया है. शिकायत के अनुसार, रोज ब्रांड बिरयानी चावल खाने से शादी समारोह के मेहमान बीमार पड़ गए.

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Edited By: Babli Rautela
Dulquer Salmaan -India Daily
Courtesy: Social Media

मुंबई: केरल के पथनमथिट्टा उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने एक्टर दुलकर सलमान को रोज ब्रांड बिरयानी चावल से जुड़े फ़ूड पॉइजनिंग मामले में नोटिस जारी किया है. आयोग ने उन्हें 3 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया है. यह नोटिस एक कैटरर पीएन जयराजन की शिकायत के आधार पर जारी किया गया है.जयराजन का दावा है कि उन्होंने शादी समारोह के लिए रोज ब्रांड का 50 किलो चावल खरीदा था, जिस पर न तो पैकिंग की जानकारी थी और न ही एक्सपायरी डेट लिखी गई थी.

शिकायत में कहा गया है कि इस चावल से तैयार बिरयानी खाने के बाद समारोह में शामिल कई मेहमान बीमार पड़ गए. इसके बाद कैटरर ने चावल की गुणवत्ता और ब्रांड के प्रति शिकायत दर्ज कराई.

बिरयानी खाने से मेहमानों की तबीयत खराब

पीएन जयराजन ने आरोप लगाया कि रोज ब्रांड बिरयानी राइस की खराब गुणवत्ता के कारण उन्हें आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह से नुकसान हुआ. इस घटना से उनके कैटरिंग व्यवसाय की प्रतिष्ठा को भी ठेस पहुँची और कई शादियों की बुकिंग रद्द हो गईं.

इस मामले में रोज ब्रांड बिरयानी राइस के प्रबंध निदेशक को पहला, पथनमथिट्टा स्थित मालाबार बिरयानी एंड स्पाइसेस के प्रबंधक को दूसरा और एक्टर दुलकर सलमान को तीसरा आरोपी बनाया गया है. आयोग ने तीनों को 3 दिसंबर को सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश दिया है.

तीन पक्षों को बनाया गया आरोपी

शिकायतकर्ता ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने यह चावल इसलिए खरीदा क्योंकि इसके विज्ञापन में एक्टर दुलकर सलमान थे. उनका मानना है कि अगर ब्रांड एंबेसडर के रूप में एक्टर किसी उत्पाद का प्रचार करते हैं, तो उस पर गुणवत्ता की जिम्मेदारी भी उन पर आती है. जयराजन ने कहा कि उन्होंने एक्टर की विश्वसनीय छवि देखकर चावल खरीदा था, लेकिन उत्पाद की खराब गुणवत्ता ने उनके काम और छवि दोनों को नुकसान पहुंचाया.

कैटरर ने अपनी शिकायत में कहा कि उन्हें न केवल वित्तीय नुकसान हुआ बल्कि उनके पेशेवर जीवन पर भी असर पड़ा. उन्होंने आयोग से चावल की कीमत 10,250 रुपये, अदालती खर्च और 5 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है. इस मामले में आयोग अब यह तय करेगा कि क्या ब्रांड एंबेसडर को भी इस तरह की शिकायतों के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है या नहीं.