Dilip Kumar Death Anniversary: बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार दिलीप कुमार की आज, 7 जुलाई को पुण्यतिथि मनाई जा रही है. उन्होंने अपनी शानदार एक्टिंग से लोगों का दिल जीत चुके थे. दिलीप कुमार ना सिर्फ एक बेहतरीन एक्टर थे, बल्कि एक नेकदिल इंसान भी थे. उनका असली नाम यूसुफ खान था. क्या आप जानते हैं कि उन्होंने 1944 में 'ज्वार भाटा' फिल्म से अपने करियर की शुरुआत की थी? चलिए पुण्यतिथि पर जानते हैं उनके जीवन के 7 अनसुने किस्से
फिल्म 'ज्वार भाटा' के समय निर्माता देविका रानी ने सुझाव दिया कि यूसुफ को अपना नाम बदल लेना चाहिए, ताकि दर्शकों से कनेक्ट हो सके. इसी के बाद उन्होंने 'दिलीप कुमार' नाम अपनाया और यही नाम उनकी पहचान बन गया.
दिलीप कुमार ने सबसे ज्यादा फिल्में विजयंतीमाला के साथ कीं. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्होंने 'देवदास', 'नया दौर', 'मधुमती', 'पैगाम', 'गंगा-जमना' और 'लीडर' जैसी कई हिट फिल्मों में उनके साथ काम किया. दोनों की ऑनस्क्रीन केमिस्ट्री को दर्शकों ने खूब सराहा.
दिलीप कुमार को उनके दुखद किरदारों की गहराई के लिए ‘ट्रेजेडी किंग’ कहा जाता है. हालांकि लगातार दुखद रोल निभाते हुए वो खुद डिप्रेशन में चले गए थे. डॉक्टरों की सलाह पर उन्होंने हल्की-फुल्की फिल्में कीं जैसे 'आजाद' और 'राम और श्याम', जिसमें उनकी कॉमेडी को भी पसंद किया गया.
दिलीप कुमार और मधुबाला की प्रेम कहानी आज भी बॉलीवुड की सबसे चर्चित कहानियों में से एक है. दोनों की नजदीकियां 'तराना' (1951) के दौरान बढ़ीं, लेकिन 'मुगल-ए-आजम' के सेट पर इनके प्यार की झलक साफ दिखी. मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान इस रिश्ते के खिलाफ थे और इसलिए ये प्रेम कहानी अधूरी रह गई. एक सीन मे दिलीप को मधुबाला को थप्पड़ मारना था, सीन के बाद वह बहुत इमोशनल हो गए और बार-बार माफी मांगने लगे.
1966 में दिलीप कुमार ने खुद से 22 साल छोटी एक्ट्रेस सायरा बानो से शादी की. यह जोड़ी दर्शकों के बीच काफी पॉपुलर रही. सायरा ने न सिर्फ उनकी जिंदगी में स्थिरता लाई बल्कि उनके हर अच्छे-बुरे समय में साथ रहीं. दिलीप कुमार सिर्फ एक एक्टर नहीं थे, बल्कि राज्यसभा के सदस्य भी रहे और कई सामाजिक कार्यों में भाग लिया. एक बार उन्होंने अपनी सारी कमाई दान कर दी थी, जो बहुत कम लोग जानते हैं.