Bajrangi Bhaijaan: सलमान खान की आइकॉनिक फिल्म ‘बजरंगी भाईजान’ को 10 साल पूरे हो गए हैं, और इस खास मौके पर डायरेक्टर कबीर खान ने फिल्म से जुड़े एक दिलचस्प किस्से का खुलासा किया है. उन्होंने बताया कि 2015 में सेंसर बोर्ड (CBFC) ने फिल्म के एक जरूरी सीन को हटाने की मांग की थी, जिसमें ओम पुरी का मौलवी किरदार ने 'जय श्री राम' कहा था. कबीर ने इस सीन को बचाने के लिए कड़ा संघर्ष किया, और यह सीन न केवल फिल्म का हिस्सा रहा, बल्कि दर्शकों के दिलों में भी गहरी छाप छोड़ा. आइए, इस खुलासे और फिल्म की विरासत पर विस्तार से नजर डालते हैं.
‘बजरंगी भाईजान’ में ओम पुरी ने एक पाकिस्तानी मौलवी का रोल निभाया था, जो सलमान खान (पवन), हर्षाली मल्होत्रा (मुन्नी), और नवाजुद्दीन सिद्दीकी (चांद नवाब) को पाकिस्तानी पुलिस से बचाने में मदद करता है. विदाई के समय, मौलवी का किरदार सलमान से 'जय श्री राम' कहता है. कबीर खान ने बताया कि सीबीएफसी को डर था कि यह सीन भारत की मुस्लिम आबादी को नाराज कर सकता है. कबीर ने इस सीन को हटाने से इनकार कर दिया.
फिल्म के पुराने किस्से को याद करते हुए उन्होंने कहा, 'लेकिन मैंने इसके लिए संघर्ष किया. मुझे याद है कि मैंने यह फिल्म गेयटी गैलेक्सी में देखी थी, जो मुंबई के सबसे बेहतरीन सिंगल-स्क्रीन सिनेमा हॉल में से एक है. बांद्रा के मुस्लिम ब्लू-कॉलर मजदूरों से खचाखच भरा थिएटर, उस लाइन के आते ही तालियों से गूंज उठा. यह इस बात का साफ संकेत था कि जिन लोगों को इस पर शक था, वे गलत थे. आप देख सकते थे कि यह पल उनके दिलों में कितनी गहराई से उतर गया था.' इस सीन ने सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश दिया और दर्शकों में एकता की भावना को मजबूत किया.
कबीर ने खुलासा किया कि मौलवी के छोटे लेकिन प्रभावशाली किरदार के लिए पहले नसीरुद्दीन शाह से संपर्क किया गया था. हालांकि, व्यस्तता के कारण यह रोल नसीर नहीं निभा सके, और यह किरदार ओम पुरी को मिला. ओम पुरी की दमदार एक्टिंग ने इस सीन को और यादगार बना दिया, जिसे आज भी दर्शक भावुक होकर याद करते हैं.
‘बजरंगी भाईजान’ एक कट्टर हिंदू, पवन (सलमान खान) की कहानी है, जो एक छोटी पाकिस्तानी लड़की मुन्नी (हर्षाली मल्होत्रा) को उसके परिवार से मिलाने के लिए अवैध रूप से पाकिस्तान में प्रवेश करता है.