Avatar The Way Of Water: जेम्स कैमरून की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'अवतार' ने 2009 में सिनेमाघरों में तहलका मचा दिया था. इस फिल्म ने अपनी अनोखी कहानी और शानदार विजुअल्स के दम पर दुनियाभर में इतिहास रचा. अब इसका सीक्वल 'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' दर्शकों को एक बार फिर पेंडोरा की जादुई दुनिया में ले जाने के लिए तैयार है. अगर आप इस फिल्म को देखने जा रहे हैं, तो पहले नावी और पेंडोरा के बारे में कुछ खास बातें जान लीजिए.
क्या है पेंडोरा की दुनिया?
पेंडोरा एक काल्पनिक ग्रह है, जो हरे-भरे जंगलों, चमकदार पौधों और अनोखे जीव-जंतुओं से भरा है. यह ग्रह अल्फा सेंटॉरी तारे की प्रणाली में स्थित है और इसकी हवा इंसानों के लिए जहरीली है. पेंडोरा की खासियत है इसका पारिस्थितिकी तंत्र, जहां सभी जीव और प्रकृति एक-दूसरे से जुड़े हैं. पेंडोरा की आत्मा 'एय्वा' एक आध्यात्मिक शक्ति है, जो ग्रह के सभी जीवों को एकजुट करती है. फिल्म में दिखाया गया है कि इंसान इस ग्रह के कीमती संसाधन 'अनोबटैनियम' को हासिल करने के लिए नावी से टकराते हैं.
कौन हैं नावी?
नावी पेंडोरा के मूल निवासी हैं. ये 10 फीट लंबे, नीली त्वचा वाले humanoid प्राणी हैं, जिनकी पूंछ और चमकदार आंखें होती हैं. नावी प्रकृति के साथ गहरा रिश्ता रखते हैं और एय्वा की पूजा करते हैं. उनकी संस्कृति में परिवार, एकता और पर्यावरण का सम्मान सबसे अहम है. नावी अपनी ताकत और फुर्ती के लिए जाने जाते हैं और वे अपने ग्रह की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. पहले भाग में जेक सुली (सैम वर्थिंगटन) एक इंसान से नावी बनकर उनकी जनजाति का हिस्सा बनता है.
अवतार: द वे ऑफ वॉटर में क्या है खास?
'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' में कहानी जेक सुली और नेयतिरी (जो सलडाना) के परिवार पर केंद्रित है. इस बार पेंडोरा के समुद्री इलाकों और नई जनजातियों को दिखाया गया है, जैसे 'मेटकायना' जनजाति, जो पानी में रहती है. फिल्म में पानी के नीचे के शानदार दृश्य, नए जीव और इंसानों के साथ नावी का संघर्ष देखने को मिलेगा. यह फिल्म IMAX 3D में रिलीज हुई थी, जो दर्शकों को एक शानदार अनुभव देती है.
क्यों देखें?
'अवतार: द वे ऑफ वॉटर' न केवल विजुअल्स का जादू है, बल्कि यह परिवार, प्रकृति और अस्तित्व की कहानी भी है. जेम्स कैमरून की यह फिल्म सिनेमा प्रेमियों के लिए एक अनोखा अनुभव है.