Mirzapur Season 3: जिसका हर किसी को इंतजार था वो घड़ी आ चुकी है क्योंकि आज गुड्डू भैया और कालीन भैया आने वाले है. सबसे ज्यादा चर्चा में रहने वाली वेब सीरीज मिर्जापुर का तीसरा सीज़न 3 आज रिलीज हो जाएगा. 4 साल बाद इसका तीसरा सीजन आया है जो फैंस के लिए काफी लंबा समय हो गया. राजनीति का खेल दिखाने वाली ये वेब सीरीज जो कि अमेज़न प्राइम वीडियो आने वाली है. कालीन भैया (पंकज त्रिपाठी) और गुड्डू पंडित (अली फ़ज़ल) के अलावा, इस नए सीजन में आपको एक नया चेहरा भी देखने को मिलेगा. तो चलिए आज हम आपको रिलीज से पहले इसके सभी लीड कैरेक्टर के बारे में बताते हैं-
त्रिपाठी परिवार
मिर्जापुर की कहानी पंकज त्रिपाठी के अखंडानंद त्रिपाठी उर्फ कालीन भैया से ही शुरू होती है. ये Mirzapur के सबसे ताकतवर डॉन है, जो अवैध हथियारों और ड्रग के धंधे में शामिल हैं. कालीन भैया शांत है लेकिन उतने ही ज्यादा खतरनाक भी है, जो मिर्जापुर की गद्दी के लिए कई चुनौतियों का सामना करता है. इसमें से एक कालीन भैया का खुद का बेटा मुन्ना (दिव्येंदु शर्मा) था. गद्दी का प्यार ही इतना खराब है कि इसके लिए अपने ही अपने को मार देते हैं ये तो आपने सुना होगा लेकिन आपको देखने को तब मिला जब कालीन भैया का बेटा मुन्ना अपने ही पिता को मारकर उस गद्दी को पाना चाहता था. वहीं कालीन भैया के पिता (कुलभूषण खरबंदा) बीना त्रिपाठी के साथ जबरदस्ती रिलेशन बनाता है. वहीं बीना त्रिपाठी प्रेग्नेंट हो जाती हैं और दूसरे सीजन में एक बेटे को जन्म भी देती हैं.
पंडित परिवार
सीजन 1 में दिखाया जाता है कि मुन्ना एक शादी में जाता है और दूल्हे की ही हत्या कर देता है. इस शादी में गुड्डू, स्वीटी, स्वीटी की बहन गोलू (श्वेता त्रिपाठी) और बबलू भी शामिल होते हैं. गुड्डू और स्वीटी की शादी हो जाती हैं और स्वीटी उसके बच्चे की माँ बनने वाली होती है. लेकिन जब मुन्ना को इस बात को पता चलता है तो इसे ये बर्दाश्त नहीं होता और इसी कारण वह उसको और बबलू पंडित को मार देता है.
गुप्ता परिवार
गुप्ता जी जो कि पेशे से इंस्पेक्टर हैं और ये कालीन भैया के लिए काम करते हैं. गुप्ता जी चाहते हैं कि उनकी बड़ी बेटी स्वीटी मुन्ना से शादी कर ले. हालाँकि, स्वीटी के मन में गुड्डू पंडित है और वह उसी से शादी करना चाहती है. मुन्ना जब शादी में स्वीटी को मार देता है तो गुप्ता जी के मन में बदले की भावना आ जाती है और वह अपनी मरी हुई बेटी का बदला लेना चाहते हैं. हालाँकि, कालीन भैया उनको अपनी बेटी को भूलकर गोलू का पता लगाने की बात कहते हैं.
शुक्ला परिवार
शुभ्रज्योति बारात द्वारा निभाया गया रति शंकर शुक्ला का किरदार मिर्जापुर सीरीज में काफी अहम है. वह कालीन भैया का सबसे पुराना दुश्मन और जौनपुर का शक्तिशाली आपराधिक परिवार का मुखिया है. कालीन भैया और रति शंकर शुक्ला परिवार की पीढ़ियों पुरानी दुश्मनी है जो अब तक चली आ रही है. रति शंकर शुक्ला मिर्जापुर पर राज करना चाहता है और वह रति गुड्डू और बबलू को कालीन भैया का साथ छोड़कर उसके साथ आने को कहता है लेकिन ऐसा होता नहीं है और उसकी हत्या कर देते हैं. इसके बाद रति शंकर शुक्ला का बेटा शरद शुक्ला जो कि भले ही अपराध से दूर रहता है लेकिन पिता की मौत के बाद वह मिर्जापुर पर कब्जा करने का फैसला करता है और मुन्ना के साथ हाथ मिलाता है.
त्यागी परिवार
त्यागी परिवार की बात करें तो दद्दा त्यागी जो कि गाड़ियां चुराकर उन्हें काला बाजार में बेचते हैं. इनके दो जुड़वां बेटे हैं - शत्रुघ्न (छोटा बेटा) और भरत (बड़ा बेटा) है. त्यागी परिवार, त्रिपाठी परिवार से तब मिलती है जब वह कालीन भैया के अवैध हथियारों से भरे ट्रक पर हमला करते हैं, चूंकि भरत और शरद दोस्त हैं, इसलिए वह त्रिपाठी परिवार से हाथ मिला लेते हैं. इस बीच, गोलू अपने और गुड्डू के अफीम के कारोबार पर सौदा करने के लिए शत्रुघ्न से मिलती है, लेकिन जब दद्दा त्यागी को इस बात का पता चलता है तो वह शत्रुघ्न से भिड़ जाता है. इसके बाद बहस इतनी बढ़ जाती है कि गोलियां चल जाती हैं और दद्दा त्यागी का बड़ा बेटा मारा जाता है लेकिन उसको लगता है कि उसके छोटे बेटे की मौत हुई है.
यादव परिवार
एसपी यादव जो कि उत्तर प्रदेश के सीएम हैं. वह कालीन भैया से चुनाव से पहले हिंसा कम करने को कहते हैं. हालांकि, कालीन भैया उनको उनके साथ मिलकर काम करने को कहते हैं जिससे उनकी जीत हो. इस बीच एसपी यादव कालीन को अपनी राजनीतिक पार्टी में जगह देते हैं. इधर कालीन भैया मुन्ना और एसपी यादव की बेटी माधुरी यादव को मिलकर चुनाव करने को कहते है जिसके बाद माधुरी मुन्ना को मन ही मन पसंद करने लगती है. जिसके बाद कालीन भैया मुन्ना को माधुरी से शादी करने के लिए कहते है ताकि उनका राजनीतिक समर्थन मजबूत हो जाए. इस बीच एसपी यादव का छोटा भाई जेपी यादव उसकी हत्या करवा देते हैं और माधुरी कालीन भैया से मिल जाती है और जेपी यादव को सेक्स स्कैंडल में फंसवा देती है. जेपी यादव के सीएम कुर्सी से हटने के बाद कालीन भैया सीएम बनने का सपना देखने लगते हैं.