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Prithviraj Kapoor Birthday: हिंदी सिनेमा के 'मुगल ए आजम' क्यों कहे जाते हैं पृथ्वीराज कपूर, जानें दिलचस्प किस्से

Prithviraj kapoor: पृथ्वीराज ने लाहौर के एडवर्ड कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. इसके बाद इन्होंने नाटक और थिएटर में काम करना शुरू किया लेकिन ज्यादा पढ़ने लिखने के कारण इन्हें नाटक में काम नहीं मिला.

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Edited By: Priya Singh
Prithviraj Kapoor Birthday: हिंदी सिनेमा के 'मुगल ए आजम' क्यों कहे जाते हैं पृथ्वीराज कपूर, जानें दिलचस्प किस्से

नई दिल्ली: कहानी एक क्रू बाप की, जिसने अपनी जिद के कारण अपने बेटे की प्रेमिका को दीवार में चुनवा दिया. केवल अपनी जिद की वजह से इतिहास के पन्नों में काला नाम बन कर रह गया... आज उस पिता का, उस फिल्मी कलाकार का जन्मदिन है, जिसने पर्दे पर अपने लिए नफरत के बीज बोए. जी हां हम बात कर रहे हैं फिल्मी पर्दे पर 'अकबर' का किरदार निभाने वाले पृथ्वीराज कपूर की जिन्होंने अपनी एक्टिंग से अपने आवाज के भारीपन से, अपने मूछों के ताव से सबको अपना दीवाना बना लेते थे.

बॉलीवुड के गॉड फादर कहे जाते हैं पृथ्वीराज

पृथ्वीराज कपूर बॉलीवुड का वो नाम है जिन्होंने अपनी एक्टिंग से लोगों को अपना फैन बना लिया था. इन्हें बॉलीवुड का ‘गॉड फादर’ भी कहा जाता है. इन्होंने मूक फिल्मों में एक्टिंग करने से लेकर रंगीन फिल्मों का सफर तय किया है. पृथ्वीराज कपूर का जन्म 3 नवंबर 1906 को पाकिस्तान के समुंद्री में हुआ था. पृथ्वीराज ने लाहौर के एडवर्ड कॉलेज से ग्रेजुएशन की पढ़ाई की है. इसके बाद इन्होंने नाटक और थिएटर में काम करना शुरू किया लेकिन ज्यादा पढ़ने लिखने के कारण इन्हें नाटक में काम नहीं मिला.

एक्टिंग में बुलंदियों को छुआ

इसके बाद एक्टर ने धीरे-धीरे अपने करियर की शुरुआत की और वह बुलंदियों को छूने लगे. इसके बाद अभिनेता ने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा. पृथ्वीराज कपूर की पहली बोलने वाली फिल्म ‘आलमारा’ थी जिसमें इन्होंने 24 साल की उम्र में बच्चे से लेकर बूढ़े तक का किरदार निभाया है और उसको लोगों ने खूब पसंद किया था.

 ‘मुगल ए आजम’ का किरदार

इन्होंने ‘मुगल ए आजम’ का किरदार निभाकर लोगों को अपनी एक्टिंग का मुरीद बना लिया था और इसके बाद इन्होंने अपनी एक्टिंग का लोहा मनवाया. फिल्म ‘सिकंदर’ में भी अपनी एक्टिंग से लोगों को हैरान कर दिया था. इन्हें इनकी पहली फिल्म के लिए 70 रुपये मिले थे इसमें पृथ्वीराज मुख्य रोल में नजर आए.

1960 में मुगल-ए-आजम में पृथ्वीराज चौहान ने मुगल शासक अकबर का रोल निभाया था. आसिफ इस फिल्म में किसी भी कीमत में पृथ्वीराज को लेना चाहते थे इसलिए उन्होंने उनको कास्ट करने के लिए उन्हें ब्लैंक चेक दिया और कहा आप जितनी फीस चाहते है उतनी ले लें. इस पर पृथवीराज ने 1 रुपये की फीस ली और कहा कि मैं पुरुषों के साथ काम करता हूं, व्यापारियों के साथ नहीं.