Siyasi Soorma: इंडिया डेली की डिजिटल सीरीज सियासी सूरमा में बात हो रही है खुद को दलितों का मसीहा बताने वाले चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण की, जिन्होंने ठीक 6 साल पहले साल 2017 में भारतीय एकता मिशन आर्मी उर्फ भीम आर्मी के नाम से संगठन बनाया और अब चुनावी मैदान में भी उतर चुके हैं.
चंद्रशेखर आजाद आगामी लोकसभा चुनावों में नगीना सीट से ताल ठोंकते नजर आएंगे और दलित युवाओं में जिस तरह से उनकी पैठ बढ़ती जा रही है उसे देखते हुए उनकी जीत नामुमकिन नजर नहीं आती है. भीम आर्मी फिलहाल दलित युवाओं का एक पसंदीदा संगठन बन चुका है और सोशल मीडिया पर भी लोग इससे बड़ी संख्या में जुड़ रहे हैं.
मजेदार बात यह है कि इस संगठन में दलित युवकों के साथ साथ पंजाब और हरियाणा के सिख युवा भी जुड़े हैं. ऐसे में आज हम बात करने जा रहे हैं कि इस संगठन की फंडिंग कहां से आती है और कौन करता है. इतना ही नहीं हम भीम आर्मी के नेता चंद्रशेखर आजाद उर्फ रावण की नेट वर्थ पर भी चर्चा करेंगे.