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संविधान बदलने की तैयारी या बहुमत खोने का डर? BJP नेताओं की बयानबाजी आखिर क्या कहती है

मेरठ से बीजेपी उम्मीदवार अरुण गोविल संविधान पर विवादित बयान देकर विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं.

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India Daily Live

लगता है कि भाजपा नेताओं ने विवादित बयान देकर सुर्खियों में आने की कसम खाली है, ऐसा हो भी क्यों न. आखिर नेगेटिव पब्लिसिटी भी कभी-कभी फायदा दे जाती है. कर्नाटक से भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े, फैजाबाद से बीजेपी उम्मीदवार और वर्तमान सांसद लल्लू सिंह के बाद अब मेरठ से भाजपा उम्मीदवार अरुण गोविल ने  सत्ता में आने पर संविधान बदलने की बात कही है. संविधान में बदलाव की बात कहकर टीवी के राम गोविल विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं.

गोविल बोले- बदलाव करने में कोई खराबी नहीं
मेरठ में एक चुनावी रैली के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान अरुण गोविल ने कहा, 'संविधान के बनने के बाद से समय और परिस्थिति के हिसाब से उनमें बदलाव हुए हैं. बदलाव करना प्रगति की निशानी होती है. इसमें कोई खराबी नहीं.'

उन्होंने आगे कहा, 'जब संविधान बना था तब परिस्थितियां और थीं आज परिस्थितियां और हैं. संविधान किसी एक व्यक्ति की मर्जी से नहीं बदला जाता इसमें सबकी सहमति की जरूरत होती है तभी बदलाव होता है.' वहीं भाजपा के इस बार 400 पार के नारे के सवाल पर अरुण गोविल ने कहा, 'मुझे ये महसूस होता है क्योंकि मोदी जी ऐसे ही कोई बात नहीं कहते हैं. उसके पीछे कोई न कोई अर्थ जरूर होता है.'

'संविधान बदलने के लिए  दो-तिहाई बहुमत दे दीजिए'
संविधान में बदलाव का शगूफा सबसे पहले कर्नाटक से भाजपा सांसद अनंत कुमार हेगड़े ने छेड़ा था. उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा को राज्यसभा में दो-तिहाई बहुमत मिलता है तो संविधान में बदलाव किये जाएंगे. उन्होंने आगे कहा था कि कि हिंदू समुदाय को दबाने के लिए कांग्रेस द्वारा बनाए गए अनावश्यक कानूनों को खत्म किया जाएगा. हालांकि  भाजपा ने इसे निजी राय बताते हुए खुद को हेगड़े के बयान से अलग कर लिया था.

लल्लू सिंह भी बदलना चाहते हैं संविधान
इसके बाद फैजाबाद से भाजपा सांसद लल्लू सिंह ने भी संविधान बदलने को लेकर विवादित बयान दिया था. उन्होंने कहा था कि सरकार तो 272 सीटों पर ही बन जाती है लेकिन संविधान बदलने या संशोधन करने के लिए दो तिहाई सीटों की जरूरत होती है.

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