Lok Sabha Elections 2024: कांग्रेस ने महाराष्ट्र के सीनियर नेता संजय निरुपम को पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया. निरुपम पर पार्टी के खिलाफ बयानबाजी और अनुशासनहीनता का आरोप है. कांग्रेस के महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी एक चिट्ठी में आरोपों की पुष्टि की गई है. इससे पहले महाराष्ट्र कांग्रेस के चीफ नाना पटोले ने संजय निरुपम को राज्य में लोकसभा चुनाव के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से बाहर किए जाने की सूचना दी थी.
कांग्रेस से बाहर किए जाने के बाद संजय निरुपम ने आज अपनी अगली रणनीति के बारे में जानकारी देने की बात कही है. इस दौरान उन्होंने कांग्रेस पर तंज भी कसा और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर किए गए एक पोस्ट में कहा कि जो पार्टी वित्तीय संकटों का सामना कर रही है, उसे अपनी कागजों पर अपनी उर्जा खर्च नहीं करना चाहिए. इसके बजाए, पार्टी को खुद को संवारने पर फोकस करना चाहिए.
कॉंग्रेस पार्टी मेरे लिए ज़्यादा ऊर्जा और स्टेशनरी नष्ट ना करे।
— Sanjay Nirupam (@sanjaynirupam) April 3, 2024
बल्कि अपनी बची-ख़ुची ऊर्जा और स्टेशनरी का इस्तेमाल पार्टी को बचाने के लिए करे।
वैसे भी पार्टी भीषण आर्थिक संकट के दौर से गुजर रही है।
मैंने जो एक हफ़्ते की अवधि दी थी,वह आज पूरी हो गई है।
कल मैं खुद फ़ैसला ले लूँगा।
आइए, जानते हैं संजय निरुपम के कांग्रेस से निकाले जाने की 5 बड़ी बातें.
आरोप है कि संजय निरुपम पिछले कुछ महीनों से अपनी ही पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. महाराष्ट्र कांग्रेस के कुछ नेताओं ने इसकी शिकायत कांग्रेस आलाकमान से की. पार्टी के नेताओं की शिकायतों पर गौर करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने संजय को बुधवार को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया.
मुंबई उत्तर लोकसभा सीट से सांसद रह चुके संजय निरुपम इस बार भी मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से ताल ठोकने की तैयारी कर रहे थे. महाराष्ट्र में कांग्रेस, शिवसेना (UTB) और एनसीपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है. ऐसे में यूटीबी ने मुंबई की 6 लोकसभा सीटों में से 4 पर अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इसके बाद ही संजय निरुपम अपनी पार्टी पर भड़क गए और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की. पार्टी विरोधी बयानबाजी को लेकर उनके खिलाफ महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं ने पार्टी अध्यक्ष को प्रस्ताव दिया, जिसके बाद उन्हें बाहर कर दिया गया.
मुंबई की 4 सीटों पर शिवसेना (UTB) की ओर से उम्मीदवार उतारे जाने के बाद भड़के संजय निरुपम ने अपनी ही पार्टी को सलाह दे डाली थी. उन्होंने कहा था कि देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस को शिवसेना (UTB) आगे नहीं झुकना चाहिए. उन्होंने कहा कि ऐसा करना कांग्रेस को बर्बाद होने देने जैसा है.
पार्टी से निकाले जाने के पहले और शिवसेना (UTB) की ओर से मुंबई की 4 सीटों पर प्रत्याशियों के ऐलान के बाद अपनी ही पार्टी पर भड़के संजय निरुपम ने कहा था कि कांग्रेस को स्थानीय नेताओं की परवाह नहीं है. उन्होंने कहा था कि पार्टी समाज के अलग-अलग वर्गों को न्याय दिलाने की बात तो कर रही है, लेकिन पार्टी के नेताओं के साथ ही अन्याय हो रहा है. इस दौरान संजय निरुपम ने बगावती तेवर दिखाते हुए पार्टी को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि मेरे पास कई विकल्प हैं.
संजय निरुपम ने विकल्पों की बात कही थी. बुधवार को कांग्रेस से बाहर किए जाने की घोषणा से कुछ देर पहले ही उनके एक करीबी ने बताया कि संजय निरुपम ने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है. वे जिस सीट से चुनाव लड़ना चाहते हैं, हर हाल में लड़ेंगे. वे इसके प्रयास में हैं.
संजय निरुपम मुंबई की जिस लोकसभा सीट से चुनाव लड़ना चाहते थे, वहां शिवसेना (UTB) ने प्रत्याशी उतार दिया है, लेकिन इस सीट से भाजपा के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA ने अभी तक प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. कहा जा रहा है कि संजय निरुपम, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना के संपर्क में हैं और वे आज यानी गुरुवार को शिंदे सेना ज्वाइन कर सकते हैं और मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. अगर ऐसा नहीं होता है, तो फिर वे अजीत पवार से भी चुनाव लड़ने की जुगत लगा सकते हैं या फिर आखिर में निर्दलीय भी चुनावी ताल ठोंक सकते हैं.
संजय निरुपम कांग्रेस से पहले शिवसेना में भी रह चुके हैं. 2005 में वे शिवसेना छोड़ कांग्रेस में शामिल हुए थे. इसके बाद 2009 लोकसभा चुनाव में उन्होंने मुंबई उत्तर सीट पर जीत दर्ज की थी. वे दो बार राज्यसभा सांसद भी रह चुके हैं. इस बार संजय निरुपम जिस मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट से लोकसभा चुनाव लड़ना चाहते थे, उस सीट पर शिवसेना (UTB) ने अमोल कीर्तिकर को अपना प्रत्याशी बनाया है.