Lok Sabha Election 2024: 'मुझे केरल के कार्यकर्ताओं की क्षमता पर पूरा भरोसा है. आपकी पिछली उपलब्धियों को देखते हुए मैं कह सकता हूं कि आप केरल के लोगों के दिल जीतोगे', ये बातें पीएम मोदी ने 17 जनवरी 2024 को केरल दौरे के दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं से कही थी. पीएम मोदी ने उस दौरान केरल के भाजपा कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दिया था. अब सवाल ये कि क्या केरल में पीएम मोदी का मैजिक चलेगा? सबसे ज्यादा चर्चा जिन दो सीटों पर हो रही हैं, वो त्रिशूर और तिरुवंतनपुरम है.
प्रधानमंत्री आज केरल में दो रैलियों को संबोधित करेंगे. पीएम मोदी केरल की अलाथुर और त्रिशूर से चुनाव लड़ रहे NDA कैंडिडेट टीएन सरासु और सुरेश गोपी के लिए चुनाव प्रचार करेंगे. केरल में पीएम मोदी का ये छठा दौरा है. नरेंद्र मोदी इससे पहले केरल में 19 मार्च को आए थे, तब उन्होंने पलक्कड़ में भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में रोड शो किया था. इससे 4 दिन पहले उन्होंने पथानामथिट्टा में रैली की थी. इसके अलावा, नरेंद्र मोदी ने जनवरी में 2 बार और फरवरी में एक बार केरल का दौरा किया था.
केरल की जिन 2 लोकसभा सीटों पर भाजपा का सबसे ज्यादा फोकस है, उनमें त्रिशूर और तिरुवंतनतपुरम है. भाजपा ने अब तक केरल में एक भी नहीं सीट जीत है. त्रिशूर लोकसभा सीट पर वामपंथियों और कांग्रेस का बर्चस्व है और इसके बीच भाजपा अपनी संभावनाओं को तलाश रही है. भाजपा ने 2019 में इस सीट से चुनाव हारने वाले एक्टर से पॉलिटिशियन बने सुरेश गोपी को एक बार फिर चुनावी मैदान में उतारा है. 2019 में सुरेश गोपी को 28.2% वोट मिला था. इस बार भी भाजपा को उम्मीद है कि उन्हें राज्य की जनता का समर्थन मिलेगा.
केरल की त्रिरुवनंतपुरम दूसरी ऐसी सीट है, जहां भाजपा का फोकस है. इस सीट पर कांग्रेस के सीनियर नेता शशि थरूर का कब्जा है. इस सीट पर भाजपा पिछले दो लोकसभा चुनाव में 2 नंबर पर रही है. 2014 में भाजपा प्रत्याशी ओ राजगोपाल को 32.32%, जबकि जीत दर्ज करने वाले शशि थरूर को 34.09% वोट मिले थे. 2019 में भी भाजपा प्रत्याशी कुम्मनम राजशेखरन को 31%, जबकि शशि थरूर को 41% से अधिक वोट मिले थे. भाजपा ने इस बार तिरुवनंतपुरम से केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर को मैदान में उतारा है. ऐसे में तिरुवंनपुरम लोकसभा सीट पर चुनाव दिलचस्प हो गया है.
केरल में लोकसभा की कुल 20 सीटें हैं. इसे आसानी से समझने के लिए 3 क्षेत्रों में बांटा जा सकता है. उत्तर, मध्य और दक्षिण केरल. उत्तर केरल में चार जिले (कसरगोड, वायनाड, कन्नूर और कोजिकोडे) आते हैं, जहां मुस्लिम और ईसाई वोटर्स की संख्या ज्यादा है.
मध्य केरल में भी चार जिले (मल्लपुरम, पलक्कड़, त्रिशूर और एर्नाकुलम) आते हैं, जहां की आबादी में 50 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम हैं. आखिर में साउथ केरल में 6 जिले (इडुक्की, कोट्टायम, अलाप्पुझा, पथानामथिट्टा, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम) आते हैं. इडुक्की और कोट्टायम में मुस्लिम आबादी का बर्चस्व है, जबकि बाकी के चार जिलों यानी अलाप्पुझा, कोल्लम और तिरुवनंतपुरम में हिंदू वोटर्स की संख्या अधिक है.