Manipur 11 Booths Repoll: मणिपुर के इंफाल वेस्ट और इंफाल ईस्ट की 11 पोलिंग स्टेशन पर फिर से मतदान का फैसला किया गया है. इन 11 पोलिंग स्टेशन पर सोमवार यानी 22 अप्रैल को सुबह 7 बजे से शाम 5 बजे तक दोबारा वोटिंग होगी. इससे पहले मणिपुर के संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इनर मणिपुर संसदीय क्षेत्र (IMPC) के लिए रिटर्निंग ऑफिसर (RO) का एक मैसेज अटैच करते हुए एक चिट्ठी इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया को भेजी थी.
अधिकारियों ने बताया कि ECI ने शनिवार को IMPC के 5 विधानसभा क्षेत्रों में 11 पुलिस स्टेशनों पर पुनर्मतदान को मंजूरी दे दी. एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि इन पोलिंग स्टेशन के सभी वोटर्स से अपील की जाती है कि वे अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिए बड़ी संख्या में आएं. दरअसल, 19 अप्रैल को लोकसभा चुनाव के लिए पहले चरण की वोटिंग के दौरान भीड़ की ओर से हिंसा, बर्बरता और ईवीएम तोड़े जाने की खबरें आई थीं. ऐसे कुल 11 पोलिंग स्टेशन को चिन्हित किया गया, जहां फिर से मतदान का फैसला किया गया है.
जिन 11 पोलिंग स्टेशन पर फिर से मतदान की पुष्टि हुई है, उनमें 2 खुरई विधानसभा क्षेत्र में, 4 क्षेत्रगाओ में, 1 थोंगजू में, 3 उरीपोक में और 1 कोंथौजम में है. चुनाव आयोग ने एक दिन पहले इसे लेकर एक आदेश जारी किया और कहा कि मणिपुर इनर लोकसभा के 11 पोलिंग बूथ पर 22 अप्रैल को दोबारा वोटिंग होगी.
मणिपुर इनर और आउटर में 19 अप्रैल को पहले चरण में 68 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई थी. हालांकि, मणिपुर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के मेघचंद्र ने शिकायत दर्ज कराई थी कि इनर मणिपुर की 36 और आउटर मणिपुर के 11 पोलिंग स्टेशन पर दोबारा मतदान कराया जाए.
मणिपुर में पिछले साल यानी 3 मई 2023 से हिंसा जारी है. यहां भाजपा ने लोकल पार्टियों के साथ गठबंधन किया है, जिनमें नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) और नगा पीपुल्स फ्रंट (NPF) शामिल है. भाजपा ने इनर मणिपुर में अपना कैंडिडेट उतारा है, जबकि आउटर मणिपुर में NPF का कैंडिडेट है, जिसका भाजपा सपोर्ट कर रही है.
मणिपुर में मैतेई की संख्या सबसे ज्यादा 53 फीसदी है. ये थौबल, इंफाल ईस्ट, इंफाल वेस्ट, काकचिंग, बिष्णुपुर में रहते हैं. इसके बाद कुकी समुदाय की संख्या 25 फीसदी है, जो चुराचांदपुर, कांगपोकपी, फेरावल में रहते हैं. 3 मई 2023 को मैतेई और कुकी समुदाय के बीच संघर्ष शुरू हुआ था, जिसमें अब तक 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 1100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. वहीं, 65 हजार से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं.दरअसल, मैतेई समुदाय ने खुद को एसटी का दर्जा देने की मांग की गई थी, जिसका कुकी समुदाय के लोगों ने विरोध किया था, जिसके बाद हिंसा भड़की थी.