menu-icon
India Daily
share--v1

Kanhaiya Kumar देशद्रोही हैं? तो चुनाव कैसे लड़ रहे? Congress नेता बनने तक की कहानी

auth-image
India Daily Live

Kanhaiya Kumar: साल 2016 में जेएनयू में कुछ देशविरोधी नारे लगे और फिर मीडिया में ये चेहरा सुर्खियां बना. नाम है कन्हैया कुमार. इन नारों के लगने के ठीक 20 दिन बाद कुछ इस तरह की तस्वीर सामने आई, कन्हैया को लिथाड़ते हुए, खदेड़ते हुए पुलिस अपने साथ ले गई. आरोप था कि जेएनयू में जो देश-विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिया गया था, जिसमें कन्हैया भी शामिल थे. बदलते वक्त के साथ ये चेहरा जेएनयू की सियासत से निकलकर देश की सियासत का एक बड़ा नाम बन गया और आज उत्तर पूर्वी दिल्ली से बीजेपी के मनोज तिवारी के खिलाफ चुनाव लड़ रहा है.

जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष पद के लिए चुने जाने वाले कन्हैया CPI की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य रहे, कई मौके पर पार्टी के स्टार प्रचारक भी रहे, 2019 में CPI के टिकट पर बेगूसराय से चुनाव भी लड़ा लेकिन हार गए. बदलते वक्त के साथ सीपीआई से मोहभंग हुआ और फिर 27 सितंबर 2021 को राहुल गांधी की कॉल आई और फिर कन्हैया ने कांग्रेस  का दामन थाम लिया.

छात्रसंघ अध्यक्ष बनने के बाद विवादों में कन्हैया

जेएनयू की उस शाम अफ़ज़ल गुरु पर आयोजित कार्यक्रम से पहले उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य 'भारत के कब्ज़े' से 'कश्मीर की आज़ादी' पर ईमेल के ज़रिए बात कर रहे थे. वो क़ानून के द्वारा स्थापित सरकार के ख़िलाफ़ घृणा फैलाने की कोशिश कर रहे थे. भारत तेरे टुकड़े होंगे... और भारत की बर्बादी तक जंग रहेगी, जंग रहेगी जैसे नारे लगने से उनके इरादों का साफ पता चलता है. पुलिस के ये दावे वीडियो फुटेज के हवाले से किए गए हैं लेकिन कन्हैया कुमार क्या नारे लगा रहे थे लेकिन कन्हैया कुमार अपनी सफाई में बोले थे, कि देश-विरोधी नारों वाली वो वीडियो डॉक्टर्ड यानी कि एडिटेड है.