ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के मुखिया असदुद्दीन ओवैसी ने कुछ ऐसा किया है, जिसकी वजह से भारतीय जनता पार्टी (BJP) की शीर्ष नेतृत्व उन पर भड़क गया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने उनकी एक मुलाकात को लेकर सवाल उठाए हैं. अदरअसल असदुद्दीन ओवैसी चुनाव प्रचार के दौरान एक बीफ शॉप के मालिक से मिले और उनकी तारीफ की. बीजेपी नेता इस मुलाकात को लेकर नाराज हो गए हैं.
हैदाराबाद में चुनाव प्रचार करने के दौरान असदुद्दीन ओवैसी एक बीफ शॉप से होकर गुजरते हैं. वे दुकान के मालिक से मुलाकात करते हैं और उसकी तारीफ करते हैं. असदुद्दीन ओवैसी कहते हैं, 'रेहान बीफ शॉप जिंदाबाद. कैसे हो भाई. सलाम-वालेकुम. काटते रहो.'
असदुद्दीन ओवैसी अब इस वीडियो पर घिर गए हैं. निर्मला सीतारमण ने इस मुलाकात पर सवाल उठाते हुए कहा, 'ओवैसी का बयान अशोभनीय है. उनके बयान लेकिन हैरान नहीं करते. वह ऐसे बयान देने के एक्सपर्ट हैं. उनके छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी विधायक हैं. वह भी ऐसे ही बयान देते हैं.'
क्या ये तुष्णीकरण नहीं है ओवैसी साहब?
माधवी लता के एक वीडियो पर लोगों ने सवाल उठाए थे. वे एक रैली में अपने हाथों से धनुष-बाण बनाकर तीर छोड़ने का इशारा कर रही थीं. इशारा एक मस्जिद की तरफ था. लोगों ने उन्हें जमकर खरी-खोटी सुनाई. लोगों ने कहा कि इससे सामाजिक सद्भाव बिगड़ेगा. असदुद्दीन ओवैसी ने भी लोकतंत्र और संविधान की दुहाई दी लेकिन अब उन्होंने जो किया है, उससे भी लोगों की भावनाएं आहत हुई हैं.
क्या इससे बन जाएगा सामाजिक सौहार्द?
ओवैसी ने माधवी लता पर आरोप लगाया कि हैदाराबाद का सामाजिक सौहार्द बीजेपी बिगाड़ रही है. बीजेपी हैदाराबाद में अशांति फैला रही है लेकिन बीफ की तारीफ करके असदुद्दीन ओवैसी ने सामाजिक सौहार्द नहीं बिगाड़ा है? उनके विपक्षी इसी बात को लेकर भड़के हैं.
क्यों भड़के हैं लोग?
हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है. लोग गोवध को महापाप के तौर पर देखते हैं. कई राज्यों में गोवध पर कानून भी है. बीजेपी गाय संरक्षण को लेकर सार्वजनिक मंचों से दावे भी करती रहती है. अब असदुद्दीन ने बीफ शॉप के ऑनर से मुलाकात कर सियासी आफत मोल ले ले ली है. लोग पूछ रहे हैं कि क्या से हिंदुओं का दिल दुखाना नहीं है?
हैदराबाद में दिलचस्प हुई सियासी जंग
असदुद्दीन ओवैसी हैदाराबाद से चुनाव लड़ रहे हैं. साल 2004 से ही वह इस सीट से सांसद हैं. उनके नेतृत्व में AIMIM पूरे देशभर में लोकप्रिय हुई. वे मुसलमानों के हक की बात करते हैं. उन्होंने शुक्रवार को हैदराबाद से नामांकन दाखिल किया है. उनके खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (BJP) की माधवी लता चुनावी मैदान में हैं.