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लोगों को गुमराह करता है झूठा मसीहा! आकाश आनंद या चंद्रशेखर आजाद? किसके सिर पर सजेगा सियासी ताज

Lok Sabha Elections 2024: लंबे समय से खामोश नजर आ रही बहुजन समाजवादी पार्टी ने आखिरकार चुनाव प्रचार के मैदान में एंट्री मार ली है और अपनी पहली ही रैली के साथ सोशल मीडिया पर छा गये हैं.

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aakash anand vs Chadra sekhar Azad

Lok Sabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव के लिए यूं तो हर राज्य कुछ खास अहमियत रखता है लेकिन उत्तर प्रदेश की राजनीति हमेशा से ही दिलचस्प रही है. आगामी लोकसभा चुनावों को लेकर भी यही देखने को मिल रहा है, जहां बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ एकतरफा जीत का दावा कर रही है तो वहीं पर सपा-कांग्रेस गठबंधन उसके विजय रथ को रोकने का दम भर रहा है.

हालांकि दोनों ही पक्ष एक-दूसरे को ही जीत का दावेदार मान रहे हैं और प्रदेश की न सिर्फ छोटी पार्टियों बल्कि पूर्व सीएम मायावती की बहुजन समाज पार्टी को भी रेस से बाहर मान रहे हैं. लेकिन पश्चिमी यूपी में अब यह समीकरण दिलचस्प होता नजर आ रहा है, जहां पर शनिवार को बसपा सुप्रीमो के भतीजे आकाश आनंद ने चुनाव प्रचार में एंट्री मारी.

मोदी-चंद्रशेखर पर जमकर साधा निशाना

बीएसपी के लिए नगीना से पहली चुनावी रैली कर रहे आकाश आनंद ने पीएम मोदी के घर-घर राशन योजना और भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद के भाषण की जमकर आलोचना की. उल्लेखनीय है कि चंद्रशेखर आजाद नगीना सीट से ही लोकसभा चुनावों में उतरने वाले हैं जिसे देखते हुए आकाश आनंद की रैली ने यहां की सियासी लड़ाई को रोमांचक मोड़ दे दिया है. बीएसपी ने नगीना सीट से सुरेंद्र मैनवाल को टिकट दिया है और आकाश उन्हीं के प्रचार में यहां पहुंचे थे.

आकाश ने इस चुनावी रैली के दौरान भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का नाम तो नहीं लिया लेकिन बड़ा हमला जरूर बोला. 

एक सीट के लिए इंडिया गठबंधन से मांग रहे थे भीख

आनंद ने कहा,'वो (चंद्रशेखर) सिर्फ एक सीट की मांग कर रहा है और कह रहा है कि हमें यही दे दो, वो कह रहा है कि बसपा कमजोर हो गई है, उसका प्रत्याशी हताश है और लड़ नहीं पाएगा. वो (चंद्रशेखर) खुद इंडिया गठबंधन में घुसने और एक टिकट के लिए जी जान लगा चुका है क्योंकि वो घबराता है हम नहीं, उसे डर लगता है कि अगर अकेले लड़ना पड़ गया तो कहीं जमानत न जब्त हो जाए. लेकिन उसकी किस्मत ही खराब है कि वो गठबंधन में तो है लेकिन फिर भी उसे बेघर होना पड़ा है.'

लोगों को गुमराह करता है झूठा मसीहा

आकाश आनंद ने इस दौरान सुरेंद्र मैनवाल का परिचय देते हुए कहा कि क्या आपको कहीं से भी बसपा का प्रतियाशी कमजोर लग रहा है. ये मजबूत हैं और इसे ज्यादा मजबूत आप ही बनाएंगे. उल्लेखनीय है कि चंद्रशेखर आजाद ने एक मीडिया इंटरव्यू में कहा था कि मायावती सीधे नहीं बल्कि पीछे से चाहती हैं कि चंद्रशेखर आजाद ही चुनाव लड़ें और जीत कर नेता बनें, यही वजह है कि नगीना से बसपा ने कमजोर उम्मीदवार उतारा है.

उन्होंने चंद्रशेखर का नाम लिए बगैर कहा,'वो खुद को दलितों का मसीहा बताता है और गुमराह करता है. वो आपको गुस्सा कर धरना प्रदर्शन करने के लिए तो कहता है लेकिन खुद वहां से दूर चला जाता है ताकि पुलिस की कार्रवाई हो तो केस आप लोगों के खिलाफ दर्ज हो. आप समझें कि अगर एक युवा लड़के के खिलाफ केस दर्ज हो जाता है तो उसे पढ़ने-लिखने और नौकरी हासिल करने में दिक्कत होती है.'

नगीना में क्या है बीएसपी की स्थिति

गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी के लिए नगीना और बिजनौर में स्थिति काफी मजबूत है और यहां पर पार्टी का ज्यादातर इतिहास जीत का ही रहा है. हालांकि इस बार चंद्रशेखर आजाद यहां से लोकसभा चुनाव के मैदान में उतरकर बीएसपी के पारंपरिक वोट में सेंध मारने की कोशिश कर रहे हैं. चंद्रशेखर आजाद की एंट्री के बाद से दलितों का एक बड़ा तबका बंटा हुआ नजर आ रहा है.

वहीं दूसरी ओर मुस्लिम वोटर्स रमजान के चलते पूरी तरह से खामोशी की चादर ओढ़े हुए हैं लेकिन रमजान के बाद ये तय कर सकते हैं कि वो दोनों में से किसके साथ जाने वाले हैं. हालांकि आकाश आनंद ने जिस तरह से पहली रैली की है उससे वोटर्स में कन्फ्यूजन जरूर बढ़ी है. आपको बता दें कि मायावती के लिए बिजनौर और नगीना हमेशा से ही गढ़ माना जाता रहा है. मायावती ने सबसे पहले 1989 में बिजनौर से ही पहली बार सांसदी जीती थी.