केंद्र सरकार के हाल ही में 8वें वेतन आयोग को मंजूरी देने के बाद यह सवाल उठ रहा है कि क्या सरकार अब कोविड-19 महामारी के दौरान रोके गए 18 महीने के महंगाई भत्ते (DA) एरियर को रिलीज़ करेगी. यह मुद्दा केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महत्वपूर्ण है.
कोविड अवधि में क्यों रोका गया डीए?
कर्मचारी संगठन की मांग
नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC JCM), जो केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करता है, ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को पत्र लिखकर डीए एरियर जारी करने की मांग की है. पत्र में उल्लेख किया गया है कि, "भारत की मौजूदा आर्थिक स्थिति संतोषजनक है, और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के 18 महीने के डीए एरियर को भुगतान किया जाना चाहिए."
NC JCM के सचिव गोपाल मिश्रा ने यह भी मांग की कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के लिए त्योहारी एडवांस और 12 वर्षों के बाद पेंशन पुनर्स्थापन जैसे अन्य सुझावों पर विचार करे.
क्या है सरकार का रुख?
सरकार ने लगातार यह कहा है कि डीए की तीन किश्तों को रोकने का निर्णय केंद्र के वित्तीय बोझ को कम करने के लिए लिया गया था. राज्यसभा में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने बताया, "महामारी के कारण उत्पन्न आर्थिक संकट के दौरान डीए की तीन किश्तों को फ्रीज करने का निर्णय लिया गया."
8वें वेतन आयोग से कर्मचारियों को उम्मीदें
16 जनवरी 2025 को, केंद्रीय कैबिनेट ने 8वें वेतन आयोग को मंजूरी दी. इस फैसले के बाद यह अनुमान लगाया जा रहा है कि सरकार अब डीए एरियर सहित अन्य लंबित मांगों को भी संबोधित कर सकती है. कर्मचारियों का मानना है कि सरकार के पास अब वित्तीय स्थिति को मजबूत करने और डीए एरियर का भुगतान करने का अवसर है.
डीए एरियर का भविष्य
हालांकि सरकार ने अब तक डीए एरियर को लेकर कोई सकारात्मक घोषणा नहीं की है, लेकिन इस मुद्दे को कई बार संसद में उठाया गया है. इस फैसले पर आगे कोई भी कदम केंद्रीय कर्मचारियों के भविष्य और सरकार के वित्तीय दृष्टिकोण पर निर्भर करेगा.