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India Daily

'IndusInd Bank की गड़बड़ियों के बारे में मैनेजमेंट को पहले से पता था', SEBI ने कर दिया दूध का दूध, पानी का पानी

बैंक के पूर्व CFO अरुण खुराना ने नवंबर 2023 में एक ईमेल के माध्यम से इस विषय में बैंक के तत्कालीन CEO सुमंत कथपालिया, ट्रेजरी ऑपरेशंस प्रमुख सुशांत सौरव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी थी.

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Edited By: Gyanendra Tiwari
IndusInd Bank

SEBI द्वारा 27 मई 2025 को जारी अंतरिम आदेश के अनुसार, इंडसइंड बैंक की मैनेजमेंट को डेरिवेटिव अनुबंधों में हुई गड़बड़ियों की जानकारी पहले से ही थी. यह जानकारी बैंक ने शेयर बाजारों को मार्च 2025 में दी, लेकिन SEBI की जांच से पता चला कि बैंक को इस गड़बड़ी की जानकारी 15 महीने पहले, यानी सितंबर 2023 में ही हो गई थी.

SEBI की रिपोर्ट के मुताबिक, 26 सितंबर 2023 को बैंक की एक आंतरिक टीम ने डेरिवेटिव अनुबंधों के गलत लेखांकन (accounting) को पहचाना था. यह टीम भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के दिशा-निर्देशों के तहत बनाई गई थी. बैंक के पूर्व CFO अरुण खुराना ने नवंबर 2023 में एक ईमेल के माध्यम से इस विषय में बैंक के तत्कालीन CEO सुमंत कथपालिया, ट्रेजरी ऑपरेशंस प्रमुख सुशांत सौरव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को जानकारी दी थी.

खुराना ने ईमेल में लिखा था कि हर छह महीने पर डेरिवेटिव लेखांकन का प्रभाव सामने आता है और पहले भी KPMG के साथ इस पर काम हो चुका है.

₹1,749.98 करोड़ की गड़बड़ी की गई थी चिन्हित

SEBI की जांच में पाया गया कि 30 नवंबर 2023 को बैंक के अकाउंट विभाग के प्रमुख द्वारा भेजे गए एक ईमेल में ₹1,749.98 करोड़ की गड़बड़ी का जिक्र था. यह राशि डेरिवेटिव पोर्टफोलियो में गलत लेखांकन के कारण उत्पन्न हुई थी और यह आंकड़ा सितंबर 2023 तिमाही से जुड़ा हुआ था.

इंसाइडर ट्रेडिंग का गंभीर आरोप

SEBI ने पाया कि बैंक के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस गोपनीय जानकारी (Unpublished Price Sensitive Information - UPSI) के दौरान बैंक के शेयर बेचे. इस दौरान कोई भी शेयर नहीं खरीदे गए. इसमें शामिल लोगों में शामिल हैं:

सुमंत कथपालिया (पूर्व CEO): 1,25,000 शेयर बेचे

अरुण खुराना (पूर्व डिप्टी CEO): 3,48,500 शेयर बेचे

सुशांत सौरव: 2,065 शेयर

रोहन जथन्ना: 2,000 शेयर

अनिल मार्को राव: 1,000 शेयर

इन शेयरों की बिक्री से इन अधिकारियों ने करीब ₹19.78 करोड़ का संभावित नुकसान टाल दिया, जो आम निवेशकों को उठाना पड़ा जब 10 मार्च 2025 को बैंक ने इस जानकारी को सार्वजनिक किया और शेयर का मूल्य 27% गिर गया.

SEBI ने लगाए प्रतिबंध

SEBI ने अपने आदेश में इन पांचों व्यक्तियों को तत्काल प्रभाव से प्रतिभूति बाजार में किसी भी प्रकार का लेन-देन करने से रोक दिया है. सभी को आदेश मिलने के 21 दिनों के भीतर अपनी प्रतिक्रिया देने का अवसर दिया गया है.

निवेशकों के साथ धोखा

SEBI ने यह भी कहा कि जब बैंक के अंदरूनी लोग गोपनीय जानकारी का गलत इस्तेमाल कर बाजार में लेन-देन करते हैं, तो यह आम निवेशकों के साथ धोखा है. इससे निवेशकों का शेयर बाजार पर से विश्वास उठता है और बाजार की पारदर्शिता को नुकसान पहुंचता है.