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India Daily

जेन स्ट्रीट ने SEBI के खाते में जमा कराए 4844 करोड़, फिर से ट्रेडिंग की मिली इजाजत, बाजार में हेराफेरी के लगे थे आरोप

भारतीय शेयर बाजार की निगरानी संस्था सेबी (SEBI) ने जेन स्ट्रीट ग्रुप पर लगे सभी प्रतिबंधों को हटा दिया है, लेकिन इसके साथ कुछ सख्त शर्तें भी लागू की गई हैं. कंपनी को 4,843.57 करोड़ रुपये का एस्क्रो खाता बनाकर SEBI के पक्ष में सुरक्षित रखना पड़ा, तभी उसे यह राहत मिली है. साथ ही SEBI ने कंपनी को आगे किसी भी तरह की धोखाधड़ी या गलत व्यापारिक गतिविधि से दूर रहने की सख्त चेतावनी दी है.

Kuldeep Sharma
Edited By: Kuldeep Sharma
SEBI
Courtesy: web

SEBI ने जेन स्ट्रीट ग्रुप पर लगे प्रतिबंधों को हटा लिया है, लेकिन यह राहत सशर्त है. कंपनी को 4,843.57 करोड़ रुपये का एस्क्रो खाता बनाना पड़ा और उसे निर्देश दिया गया है कि वह भविष्य में किसी भी तरह की गलत गतिविधियों में शामिल न हो. स्टॉक एक्सचेंजों को कंपनी की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है. यह फैसला जेन स्ट्रीट पर 2023 से 2025 के बीच भारतीय शेयर बाजार में हेरफेर के आरोपों की जांच के बाद आया है.

SEBI ने कहा कि जेन स्ट्रीट ने अंतरिम आदेश के तहत तय की गई शर्तों को पूरा किया, जिसमें सबसे अहम 4,843.57 करोड़ रुपये का एस्क्रो खाता बनाना था. इसके बाद कंपनी पर लगाए गए कई प्रतिबंध जैसे– शेयर बाजार में लेन-देन पर रोक, बैंक खातों और संपत्तियों पर रोक को हटा लिया गया. लेकिन यह साफ कहा गया है कि जेन स्ट्रीट को अब पूरी तरह से नियमों के तहत काम करना होगा और किसी भी तरह की धोखाधड़ी या गलत व्यापार से दूर रहना होगा.

स्टॉक एक्सचेंजों को मिली निगरानी की जिम्मेदारी

SEBI ने देश के सभी स्टॉक एक्सचेंजों को निर्देश दिया है कि वे जेन स्ट्रीट के सभी लेनदेन और बाजार में उसकी स्थिति (पोजीशन) पर कड़ी निगरानी रखें. यह निगरानी तब तक जारी रहेगी जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती और SEBI कोई अंतिम फैसला नहीं ले लेता. इस निर्देश के तहत एक्सचेंजों ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है और SEBI की अधिसूचना के आधार पर सर्कुलर जारी कर दिया है. SEBI का कहना है कि वह शेयर बाजार की पारदर्शिता और भरोसे को बनाए रखने के लिए कोई भी ढिलाई नहीं बरतेगी.

क्या थे जेन स्ट्रीट पर आरोप?

SEBI की जांच में पाया गया कि जेन स्ट्रीट ने जनवरी 2023 से मई 2025 के बीच बैंक निफ्टी और निफ्टी जैसे बड़े इंडेक्स में ऐसे व्यापारिक पैटर्न अपनाए, जिससे बाजार में भ्रम फैला. कंपनी ने सुबह के वक्त कैश और फ्यूचर्स में भारी निवेश किया और दोपहर में ऑप्शंस में बिकवाली कर दी, जिससे आम निवेशकों को नुकसान हुआ. यह पूरा तरीका बाजार के नियमों और निष्पक्षता के खिलाफ था. इसी के आधार पर SEBI ने पहले अंतरिम प्रतिबंध लगाए थे. अब प्रतिबंध हटा लिए गए हैं, लेकिन जांच जारी है और SEBI की नजर कंपनी पर बनी रहेगी.