Ola Electric Share Price: चलो ओला कर लेते हैं. अक्सर जब आपको जल्दी में दफ्तर या कहीं और पहुंचना होता है तो आप ओला बुलाते हैं. समय पर आपको पहुंचाने वाली ओला कंपनी बुरे दौर से गुजर रही है. कंपनी को बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. कभी भारत की अग्रणी राइड-हेलिंग और इलेक्ट्रिक व्हीकल कंपनी रही ओला अब गंभीर वित्तीय और परिचालन चुनौतियों का सामना कर रही है.
वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही में, ओला इलेक्ट्रिक का घाटा ₹870 करोड़ तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में ₹416 करोड़ था. इसके साथ ही, कंपनी की राजस्व में 62% की गिरावट दर्ज की गई, जो ₹1,641 करोड़ से घटकर ₹649 करोड़ रह गया.
ओला इलेक्ट्रिक, जो कभी इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर बाजार में लगभग 50% हिस्सेदारी रखती थी, अब केवल 20% पर सिमट गई है. टीवीएस मोटर और बजाज ऑटो जैसी कंपनियों ने ओला को पीछे छोड़ दिया है. मार्च 2025 में ओला ने 23,435 यूनिट्स बेचीं, जो सालाना आधार पर 56.31% की गिरावट है, जबकि अप्रैल में यह संख्या 19,709 रही, जो 42% की गिरावट है.
ओला की राइड-हेलिंग सेवा, जिसे पहले ओला कैब्स के नाम से जाना जाता था, का राजस्व वित्त वर्ष 2024 में 5.5% घटकर ₹2,012 करोड़ रह गया. इसके अलावा, ओला का यूज्ड कार बिजनेस और फूड डिलीवरी सेवा 'ओला डैश' भी अपेक्षित सफलता नहीं पा सके और इन्हें बंद करना पड़ा.
ओला इलेक्ट्रिक ने अगस्त 2024 में ₹72-₹76 के प्राइस बैंड पर IPO लॉन्च किया था, जो 4.27 गुना सब्सक्राइब हुआ. हालांकि, लिस्टिंग के बाद शेयर की कीमत में गिरावट आई और यह 29 मई 2025 को ₹53.24 पर ट्रेड कर रहा था, जो IPO मूल्य से लगभग 30% कम है.
ओला इलेक्ट्रिक ने FY26 में लाभप्रदता हासिल करने का लक्ष्य रखा है, लेकिन इसके लिए कंपनी को अपने संचालन में सुधार, ग्राहक सेवा में विश्वास बहाल करने और प्रतिस्पर्धियों के साथ प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की आवश्यकता होगी. वर्तमान में, ओला की स्थिति एक चेतावनी है कि कैसे तेज़ी से बढ़ती कंपनियां भी अगर रणनीतिक रूप से नहीं चलतीं, तो वे गिरावट का सामना कर सकती हैं.