गणेश चतुर्थी पर भूलकर भी न करें ये काम, नाराज हो जाएंगे गणपति बप्पा और बिगड़ जाएंगे बनते हुए काम
भगवान गणेश के जन्मदिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है. इस दिन कुछ ऐसे काम हैं, जिनको करने से गणपति बप्पा नाराज हो जाते हैं.

हाइलाइट्स
- टूटे अक्षत चढ़ाना है वर्जित
- पूजन में तुलसी का न करें प्रयोग
Ganesh Chaturthi 2023: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है. साल 2023 में गणेश चतुर्थी 19 सितंबर को पड़ रही है. इस दिन पूरे श्रद्धाभाव से गणेश जी की पूजा करने से गणपति बप्पा प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि प्रदान करते हैं. वहीं, कुछ ऐसे भी काम होते हैं, जो गणेश चतुर्थी के दिन पूजा में नहीं किए जाने चाहिए. इन कामों को करने से भगवान गणेश नाराज हो जाते हैं.
गणेश जी के पूजन में न करें ये गलतियां
कुछ ऐसे काम होते हैं, जो आपको गणेश जी की पूजा में नहीं करने चाहिए. गणेश जी की पूजा में केतकी के पुष्प नहीं चढ़ाने चाहिए. इसके साथ ही मांस-मदिरा का सेवन चौथ के दिन न करें.
तुलसी का प्रयोग है वर्जित
भगवान विष्णु की पूजा में तुलसी चढ़ाना आवश्यक होता है. वहीं, गणेश जी की पूजा में तुलसी का प्रयोग वर्जित होता है. भगवान गणेश ने तुलसी से विवाह का प्रस्ताव ठुकरा दिया था, जिसके बाद तुलसी ने भगवान गणेश को दो शादियां होने का श्राप दे दिया था. उस दिन भगवान गणेश की पूजा में तुलसी का प्रयोग नहीं किया जाता है.
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टूटे नहीं होने चाहिए अक्षत
भगवान गणेश की पूजा में अक्षत टूटे नहीं होने चाहिए. इस कारण गणेश जी की पूजा में भूलकर भी टूटे चावल का यूज नहीं करना चाहिए.
प्याज-लहसुन का न करें सेवन
अगर आप बप्पा को घर पर स्थापित कर रहे हैं तो घर पर प्याज और लहसुन के प्रयोग को बंद कर देना चाहिए. आप जितने दिन गणपति महाराज को रखते हैं, उतने दिन बिल्कुल सात्विक भोजन करना चाहिए.
चंद्रमा का न करें दीदार
गणेश चतुर्थी के दिन भूलकर भी चंद्रमा नहीं देखना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन चंद्रमा देखने से व्यक्ति पर मिथ्या इल्जाम लगता है. इस कारण इस दिन चंद्रमा नहीं देखना चाहिए.
इस समय न देंखे चंद्रमा- एक दिन पूर्व चंद्रमा का दर्शन वर्जित समय- 18 सितंबर को दोपहर 12:39 से शाम 08:10 तक चंद्रमा का दर्शन न करें. यह अवधि 07 घंटे 32 मिनट तक रहेगी.
वर्जित चंद्रदर्शन का समय- सुबह 09:45 से शाम 08:44 तक इस दौरान यह अवधि 10 घंटे 59 मिनट तक रहेगी.
अंधेरे में न रखें मूर्ति
भगवान गणेश की जहां पर मूर्ति स्थापित की गई है, वहां पर अंधेरा नहीं होना चाहिए. इसके साथ ही गणेश जी को कमरे में अकेला न छोड़ें, जितने दिन बप्पा आपके घर पर रहें. कोई न कोई व्यक्ति कमरे में हर समय् मौजूद रहे.
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