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प्रेमानंद महाराज क्यों बने संन्यासी? जानें ऐसा क्या है खास कि दुनिया भर में है करोड़ों फॉलोअर्स

Who Is Premanand Ji Maharaj: आज, 10 जनवरी 2024 को भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और बच्चों वामिका और अकाए के साथ अपकमिंग चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज से मिलने पहुंचे. यह दूसरी बार है जब कपल प्रेमानंद जी महाराज से मिलने वृंदावन आए हैं.

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Edited By: Princy Sharma
Who Is Premanand Ji Maharaj
Courtesy: Pinterest

Who Is Premanand Ji Maharaj: आज, 10 जनवरी 2024 को भारत के पूर्व कप्तान विराट कोहली अपनी पत्नी अनुष्का शर्मा और बच्चों वामिका और अकाए के साथ अपकमिंग चैंपियंस ट्रॉफी 2025 से पहले वृंदावन में प्रेमानंद जी महाराज से मिलने पहुंचे. यह दूसरी बार है जब कपल प्रेमानंद जी महाराज से मिलने वृंदावन आए हैं.

प्रेमानंद जी महाराज का असली नाम अनिरुद्ध कुमार पांडे है. वे आज देश के सबसे लोकप्रिय आध्यात्मिक गुरुओं में से एक हैं. उनकी सोशल मीडिया पर जबरदस्त फॉलोइंग है. इंस्टाग्राम पर उनके 11.1 मिलियन फॉलोअर्स हैं, जो उन्हें दुनिया के सबसे ज्यादा फॉलो किए जाने वाले आध्यात्मिक नेताओं में शामिल करता है. 

प्रेमानंद महाराज के फॉलोअर्स

प्रेमानंद महाराज के इंस्टाग्राम पर ही नहीं, यूट्यूब पर भी 7.88 मिलियन सब्सक्राइबर और मेटा (फेसबुक) पर 943K फॉलोअर्स हैं. हालांकि, उन्होंने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर अपना नाम नहीं रखा है, बल्कि भजन मार्ग नाम से मौजूद हैं. 

प्रेमानंद महाराज का जन्म 1972 में कानपुर के सरसौल ब्लॉक नामक एक छोटे से गांव में हुआ था. उनके माता-पिता, श्री शंभू पांडे और श्रीमती रमा देवी को उन्होंने 13 साल की उम्र में ही छोड़ दिया था. इसी उम्र में उन्होंने संन्यास का रास्ता चुन लिया और अपने दादा के पदचिह्नों पर चलते हुए आध्यात्मिक जीवन की ओर कदम बढ़ाया

संन्यास और नई शुरुआत

प्रेमानंद महाराज ने आजीवन ब्रह्मचर्य और संन्यास लिया. इसके बाद उन्हें 'स्वामी आनंदाश्रम' नाम दिया गया. हालांकि, वह आश्रम में रहकर जीवन नहीं बिताना चाहते थे, इसलिए उन्होंने शांति की तलाश में बनारस का रुख किया. बनारस में उन्होंने ध्यान साधना की और एक बड़े पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर ध्यान लगाते थे. बनारस में ध्यान करते समय, एक संत ने उन्हें रासलीला देखने का सुझाव दिया. पहले तो उन्होंने मना कर दिया, लेकिन संत के आग्रह पर रासलीला देखने गए. इस अनुभव ने उनके जीवन को पूरी तरह बदल दिया और वह वृंदावन चले गए.

प्रेमानंद महाराज ने वृंदावन में बिहारी जी के मंदिर में जाना शुरू किया, जो उनकी भक्ति और ध्यान का मुख्य स्थान बन गया. उन्हें राधावल्लभी संप्रदाय में 'शरणागति मंत्र' के साथ दीक्षा मिली. इसके बाद, उन्हें उनके वर्तमान गुरु, पूज्य श्री हित गौरंगी शरण जी महाराज, जिन्हें बड़े गुरु"कहा जाता है उन्हें निज मंत्र' दिया. इसके बाद प्रेमानंद महाराज रसिक संतों (श्री राधा-कृष्ण के प्रति गहरी भक्ति में डूबे संत) की श्रेणी में आ गए.  

किडनी की हालत

वर्तमान में प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन के रमनरेती इलाके में स्थित अपने आश्रम, 'श्री हित राधा केली कुंज' में रहते हैं. कुछ साल पहले तक वह वृंदावन की परिक्रमा रोज करते थे, लेकिन स्वास्थ्य कारणों से अब उन्होंने इसे बंद कर दिया है. मीडिया रिपोट्रस के मुताबिक, उनकी किडनी की हालत ठीक नहीं है और वह नियमित डायलिसिस पर हैं. कई भक्त उनकी मदद के लिए अपनी किडनी दान करने को तैयार हैं, लेकिन उन्होंने किसी को तकलीफ देने से इनकार कर दिया. प्रेमानंद महाराज के पास विराट कोहली, अनुष्का शर्मा, ग्रेट खली, हेमा मालिनी, मोहन भागवत जैसी कई प्रसिद्ध हस्तियां आ चुकी हैं. उनकी सरलता और आध्यात्मिकता लोगों को प्रेरणा देती है.