बॉलीवुड के चर्चित कपल अभिषेक बच्चन और ऐश्वर्या राय एक बार फिर तलाक की अफवाहों को लेकर सुर्खियों में हैं. बीते कई हफ्तों से दोनों के रिश्ते को लेकर अलग अलग बातें सोशल मीडिया पर घूम रही हैं. लेकिन अब अभिषेक बच्चन ने खुद आगे आकर इन खबरों को न सिर्फ गलत बताया बल्कि यह भी साफ किया कि उनकी बेटी आराध्या इन सब बातों से पूरी तरह अनजान है.
पीपिंग मून को दिए इंटरव्यू में अभिषेक बच्चन से पूछा गया कि क्या आराध्या को अपने माता पिता के बारे में चल रही अफवाहों का कोई अंदाजा है. इस पर अभिषेक ने कहा कि चूंकि आराध्या के पास अभी खुद का फोन नहीं है इसलिए वह इन बातों से दूर रहती है. उन्होंने कहा वह बहुत समझदार लड़की है. वह एक बहुत अच्छी लड़की है और उसकी मां ने बहुत अच्छा काम किया है. अभिषेक के मुताबिक आराध्या की जिंदगी में इन अफवाहों की कोई जगह ही नहीं है और वह अपने माता पिता की पर्सनल लाइफ में दिलचस्पी नहीं रखती.
अभिषेक ने बताया कि आराध्या के दोस्तों ने उससे संपर्क करने के लिए एक तय नियम अपनाया हुआ है. वे उससे उसकी मां के फोन के माध्यम से बात करते हैं. यह नियम अभिषेक और ऐश्वर्या ने बहुत पहले बना दिया था ताकि बच्ची स्क्रीन टाइम और इंटरनेट की अनचाही दुनिया से सुरक्षित रहे.
अभिषेक ने यह भी स्वीकार किया कि आराध्या इंटरनेट का इस्तेमाल कर सकती है लेकिन वह ऑनलाइन फैल रही अफवाहों को देखने या उन पर ध्यान देने में कोई दिलचस्पी नहीं रखती. उन्होंने कहा उसका पूरा ध्यान पढ़ाई और स्कूल के काम पर रहता है. ऑनलाइन जानकारी ढूंढ़ना या ऐसी बातों को खंगालना उसकी आदत में शामिल नहीं है. वह किसी भी बात पर विश्वास नहीं करेगी. उसकी मां ने उसे अच्छी तरह सिखाया है कि वह जो कुछ भी पढ़ती है उस पर तुरंत विश्वास न करे. जैसे मेरे माता पिता मेरे साथ थे हम परिवार के साथ पूरी तरह ईमानदार हैं. इसलिए ऐसा कभी कोई मौका नहीं आया जब किसी को किसी पर सवाल उठाने की जरूरत पड़ी हो.
हाल के दिनों में अभिषेक और ऐश्वर्या के रिश्ते को लेकर कई तरह की मनगढ़ंत कहानियां सामने आ रही थीं. इस पर अभिषेक ने तलाक की अटकलों को बकवास दुर्भावनापूर्ण और गलत बताते हुए खारिज कर दिया. अभिषेक ने कहा कि ऐसी कहानियां अक्सर बनाई जाती हैं जिनका वास्तविकता से कोई लेना देना नहीं है.
कुछ दिनों पहले ऐश्वर्या राय ने भी रेड सी फिल्म फेस्टिवल में स्पष्ट किया था कि उनकी बेटी सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करती. इससे वह अनावश्यक ध्यान और अफवाहों के दबाव से स्वाभाविक रूप से बची रहती है. परिवार ने तय किया है कि उसे फोकस और संतुलित माहौल में बड़ा किया जाए ताकि वह बाहरी खबरों की शोरगुल से दूर स्वस्थ माहौल में अपनी पढ़ाई और रुचियों पर ध्यान दे सके.