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Shardiya Navratri 2025: नवरात्रि में घटस्थापना के दौरान भूलकर भी न करें ये गलतियां, अधूरी रह जाएगी पूजा; जानें शुभ मुहूर्त और पूजा सामग्री

Ghatsthapana 2025: नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना से होती है. इस दिन घटस्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं. इन दोनों समयों पर घटस्थापना की जा सकती है. हालांकि, घटस्थापना के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना जरूरी है.

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Edited By: Princy Sharma
Shardiya Navratri 2025 Ghatsthapana
Courtesy: Pinterest

Shardiya Navratri 2025: इस साल शारदीय नवरात्रि कल यानी 22 सितंबर को शुरू हो रही है. नवरात्रि की शुरुआत प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना से होती है. इस दिन घटस्थापना के लिए दो शुभ मुहूर्त हैं. पहला सुबह 6:09 बजे से 8:06 बजे तक है. दूसरा अभिजीत मुहूर्त है, जो सुबह 11:49 बजे से दोपहर 12:38 बजे तक है. 

इन दोनों समयों पर घटस्थापना की जा सकती है. हालांकि, घटस्थापना के दौरान कुछ महत्वपूर्ण नियमों का पालन करना जरूरी है. चलिए जानते हैं घटस्थापना के दौरान कौन सी गलतियां करने से बचना चाहिए. 

पूजा स्थल रखें साफ

घटस्थापना से पहले सुनिश्चित करें कि पूजा स्थल साफ-सुथरा हो. फिर, कलश स्थापित करने से पहले, सुनिश्चित करें कि वह अंदर से साफ हो यानी उस पर गंदगी या कोई अन्य कचरा न हो. कलश के आसपास साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें. रसोई या शौचालय के पास घटस्थापना करने से बचें.

टूटे हुए कलश का न करें यूज

पूजा के लिए कभी भी टूटे हुए कलश का प्रयोग न करें. पूजा या धार्मिक अनुष्ठानों के दौरान कभी भी टूटे हुए कलश की स्थापना न करें. कलश स्थापना के बाद, नवरात्रि के दौरान उसे देवी के मंच के पास न ले जाएं. इस कलश को अशुद्ध हाथों से भी नहीं छूना चाहिए.

लहसुन, प्याज को करें घर से बाहर

यदि आपने घर में घटस्थापना की है, तो नवरात्रि के दौरान उस स्थान को खाली न रखें. धार्मिक मान्यता है कि घर को खाली रखने से देवी अप्रसन्न हो सकती हैं. इस दौरान देवी दुर्गा की पूजा के साथ-साथ नियमित रूप से कलश की पूजा करना भी आवश्यक है. यदि आपके घर में लहसुन, प्याज या कोई अन्य तामसिक वस्तुएं रखी हैं, तो कलश स्थापना से पहले उन्हें घर से बाहर निकाल दें.

नवरात्रि में घटस्थापना क्यों की जाती है?

हिंदू धर्म में, किसी भी शुभ कार्य को शुरू करने से पहले कलश स्थापित किया जाता है और देवी-देवताओं का आह्वान किया जाता है. इसलिए, घटस्थापना के बाद ही नवरात्रि में व्रत रखा जाता है. घटस्थापना के साथ ही दुर्गा का आह्वान भी किया जाता है. कलश स्थापना के बाद ही नवरात्रि में देवी के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है. ऐसा माना जाता है कि स्थापित कलश पूरे घर में सकारात्मक ऊर्जा और पवित्रता का संचार करता है.

आवश्यक सामग्री

आम के पत्ते, ज्वार के लिए साफ मिट्टी, ज्वार, हल्दी, गुलाल, कपूर, पूजा के लिए पान, पंचामृत, सिक्के, नारियल, अक्षत, फूल, गंगाजल, पंचामृत, शहद और धूप, ये सभी घटस्थापना के लिए आवश्यक सामग्री हैं.

यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.