First AC Passenger Dispute: पुरुषोत्तम एक्सप्रेस की फर्स्ट एसी बोगी से एक परिवार द्वारा कंबल, चादर और तौलिए चोरी करने का मामला सामने आया है. यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है और लोगों में आक्रोश फैल गया है. ट्रेन पुरी से दिल्ली के बीच चलती है और यह घटना प्लेटफार्म पर तब हुई जब रेलवे स्टाफ ने परिवार को चोरी करते हुए पकड़ लिया.
वीडियो में साफ दिख रहा है कि रेलवे कर्मचारी यात्रियों से सामान वापस करने की मांग कर रहे हैं. कर्मचारी ने कहा, 'सर देखिए, चार सेट चादर और तौलिए बैग से निकल रहे हैं या तो वापस कीजिए या 780 रुपये दीजिए.' आरोपित यात्री ने सफाई देते हुए कहा कि उनकी मां ने शायद गलती से इन्हें बैग में रख लिया होगा, लेकिन रेलवे स्टाफ उनकी बातों से संतुष्ट नहीं हुआ.
यात्रा टिकट परीक्षक यानी TTE ने भी परिवार को चेतावनी दी कि यह मामला रेलवे एक्ट के तहत गंभीर कार्रवाई तक जा सकता है. रेलवे कर्मचारी ने यह भी कहा कि यह परिवार पहली एसी में यात्रा कर रहा था और तीर्थ यात्रा पर जा रहा था, फिर भी चोरी करने की कोशिश की.
Traveling in 1st AC of Purushottam express is a matter of pride itself.
— ଦେବବ୍ରତ Sahoo 🇮🇳 (@bapisahoo) September 19, 2025
But still people are there who don't hesitate to steal and take home those bedsheets supplied for additional comfort during travel. pic.twitter.com/0LgbXPQ2Uj
वीडियो के वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. कई यूजर्स ने इसे शर्मनाक बताया और ऐसे यात्रियों पर आजीवन यात्रा प्रतिबंध लगाने की मांग की. एक यूजर ने लिखा, 'पहली एसी में सफर करना गर्व की बात है, लेकिन चोरी करना बेहद शर्मनाक है.' वहीं दूसरे यूजर्स ने कहा, 'यह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी की बात है.'
कुछ यूजर्स ने यह भी कहा कि चोरी का संबंध हमेशा आर्थिक स्थिति से नहीं होता, बल्कि यह मजबूरी या आदत भी हो सकती है. एक टिप्पणी में कहा गया, 'कई अमीर लोग भी फाइव स्टार होटल से तौलिए और सजावटी सामान ले जाते हैं. यह आदत सामाजिक समस्या है.' रेलवे सेवा के आधिकारिक अकाउंट ने भी पोस्ट पर जवाब देते हुए लिखा, 'जरूरी कार्रवाई के लिए मामले को संबंधित अधिकारी को भेजा गया है.'
गौरतलब है कि भारतीय रेलवे लंबी दूरी की यात्रा में एसी और स्लीपर कोचों के यात्रियों को चादर, तौलिए और कंबल उपलब्ध कराता है. इन वस्तुओं की सफाई और देखरेख नियमित रूप से की जाती है और इन्हें यात्रा के अंत में वापस करना यात्रियों की जिम्मेदारी होती है.