Shardiya Navratri 2025 Day 7: शारदीय नवरात्र का त्योहार नौ दिनों तक चलता है. हर दिन मां दुर्गा के किसी एक स्वरूप की पूजा की जाती है. आज महासप्तमी के दिन कालरात्रि स्वरूप की पूजा की जाती है. काल का मतलब समय या मृत्यु होता है और रात्रि का मतलब रात. मां कालरात्रि को अंधकार और अज्ञान दूर करने वाली देवी माना जाता है.
मां कालरात्रि का रूप विकराल है और वह हमेशा अपने भक्तों पर आशीर्वाद बरसाती हैं. इस दिन मां कालरात्रि की कथा जरूर पढ़नी चाहिए. यहां हम आपको मां कालरात्रि की कथा बता रहे हैं, जिसे आप पूजा करते समय पढ़ सकते हैं.
पुरानी कथाओं में बताया गया है कि जब शुंभ और निशुंभ नाम के राक्षस तीनों लोकों में आतंक फैलाने लगे, तो देवताओं ने मां दुर्गा से मदद मांगी. इस युद्ध में रक्तबीज नाम का राक्षस बहुत बड़ी समस्या बन गया था. उसे वरदान मिला था कि उसके खून की हर बूंद से एक नया राक्षस पैदा हो जाएगा. जब मां दुर्गा ने उससे युद्ध किया और उसके शरीर से खून गिरा, तो हजारों-लाखों राक्षस पैदा हो गए.
युद्ध की स्थिति और भयानक हो गई. तब मां दुर्गा ने अपनी शक्ति से मां कालरात्रि को उत्पन्न किया. मां कालरात्रि का शरीर काला है, बाल बिखरे हुए हैं और उनकी तीन बड़ी आंखें हैं. उनका स्वरूप बहुत उग्र है. उन्होंने युद्ध में रक्तबीज को मार डाला. खास बात यह रही कि रक्तबीज का खून जमीन पर गिरने से पहले ही मां कालरात्रि ने उसे अपने मुंह में ले लिया. इस तरह उसने रक्तबीज की शक्ति को खत्म कर दिया और देवताओं व तीनों लोकों को उसके आतंक से बचाया.
मां कालरात्रि की पूराज करने से व्यक्ति के मन से डर, भय या संकट गायब हो जाता है और उसे मां का आशीर्वाद मिलता है. लोगों के जीवन में सुख-शांति आती है.