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Sawan Dusra Somwar: कल है सावन का दूसरा सोमवार, भोलेनाथ को कैसे मनाएं? ऐसे करें अभिषेक और बनी रहेगी कृपा

पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनने से करें. घर के पूजा स्थान या मंदिर में जाकर शिवलिंग को स्थापित करें और जलाभिषेक करें.

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Edited By: Reepu Kumari
Sawan second monday
Courtesy: Pinterest

Sawan Dusra Somwar: सावन का महीना आते ही भोलेनाथ की भक्ति का माहौल बन जाता है. मंदिरों में घंटियों की गूंज, भक्तों की लंबी कतारें और हर ओर 'ॐ नमः शिवाय' का स्वर सुनाई देने लगता है. खासकर सोमवार को शिव पूजा का विशेष महत्व होता है. ऐसा माना जाता है कि सावन के सोमवार को की गई पूजा से शिव जी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं.

इस बार सावन का दूसरा सोमवार 21 जुलाई 2025 को पड़ रहा है. ऐसे में अगर आप भी भोलेनाथ का आशीर्वाद पाना चाहते हैं तो इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है, कैसे करें अभिषेक, क्या चढ़ाएं और किन चीजों से बचें.

शुभ मुहूर्त में करें जलाभिषेक

सावन के दूसरे सोमवार को भगवान शिव का जलाभिषेक सुबह 4:14 से 4:55 बजे तक करना सबसे शुभ माना गया है. यह ब्रह्म मुहूर्त का समय होता है, जो किसी भी पूजा के लिए बेहद पवित्र माना जाता है. इस समय शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, दही, और गंगाजल चढ़ाएं और 'ॐ नमः शिवाय' का जाप करें.

ऐसे करें पूजा और व्रत

पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी उठकर स्नान करके स्वच्छ वस्त्र पहनने से करें. घर के पूजा स्थान या मंदिर में जाकर शिवलिंग को स्थापित करें और जलाभिषेक करें.

इसके बाद शिवलिंग पर बेलपत्र, धतूरा, कनेर और शमी के फूल अर्पित करें. धूप-दीप जलाकर "ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…" जैसे मंत्रों का जाप करें.

सावन सोमवार का व्रत रखने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इस दिन शिव पुराण का पाठ और दान-पुण्य करना भी पुण्यकारी माना जाता है.

क्या चढ़ाएं और किन चीजों से बचें

  • भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए उनके प्रिय फल और फूल चढ़ाएं जैसे—धतूरा, बेलपत्र, केला, अमरूद, कनेर और शमी के फूल.
  • लेकिन ध्यान रहे कि तुलसी, केतकी के फूल, सिंदूर, हल्दी, लाल फूल, नारियल, अनार और शंख से जल चढ़ाना वर्जित है.
  • टूटा हुआ बेलपत्र या कोई भी फल जो खट्टा हो, उसे शिवलिंग पर अर्पित करना शुभ नहीं माना जाता.
  • इस सावन सोमवार को सच्चे मन और श्रद्धा से पूजा करें, नियमों का पालन करें और भोलेनाथ से सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य और शांति की प्रार्थना करें.