Sawan 2025: सावन का महीना भगवान शिव की भक्ति और कृपा पाने का सबसे शुभ समय माना जाता है. इस दौरान भक्तगण व्रत, रुद्राभिषेक, जलाभिषेक और विशेष पूजन के माध्यम से भोलेनाथ को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं. ऐसी मान्यता है कि सावन में शिवजी की आराधना करने से जीवन की तमाम बाधाएं दूर होती हैं.
इस विशेष महीने में शिवलिंग पर जल, बेलपत्र, दूध, शहद के साथ-साथ लौंग चढ़ाने की परंपरा भी काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है. लौंग ना सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से बल्कि वैज्ञानिक और आयुर्वेदिक रूप से भी बेहद शक्तिशाली मानी जाती है. आइए जानते हैं कि सावन में शिवलिंग पर लौंग चढ़ाने से क्या होता है और इसके क्या-क्या फायदे हैं.
पुराणों और शिव महिमा ग्रंथों में वर्णन है कि भगवान शिव को सुगंधित चीजें बहुत प्रिय हैं. लौंग में तीव्र सुगंध होती है, जो शिव को आकर्षित करती है. इसे चढ़ाने से शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, लौंग में ऐसी शक्ति होती है जो आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त कर देती है. इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से घर में सकारात्मकता का संचार होता है और बुरी शक्तियां दूर रहती हैं.
लौंग में औषधीय गुण होते हैं. ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर लौंग चढ़ाकर उसे अपने पास रखने या घर में धूप देने से स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं कम होती हैं. विशेषकर सर्दी-जुकाम, सिरदर्द और थकावट में लाभ मिलता है.
जिन लोगों के विवाह में विलंब हो रहा है, वे सावन के किसी सोमवार को शिवलिंग पर लौंग और कपूर अर्पित करें. इससे वैवाहिक जीवन में आ रही अड़चनें दूर होती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं.
यदि आप आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं तो सावन के सोमवार को शिवलिंग पर लौंग और गंगाजल चढ़ाकर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का 108 बार जाप करें. इससे धन संबंधित समस्याएं दूर होती हैं.
शास्त्रों में यह भी कहा गया है कि लौंग और कपूर का एक साथ उपयोग करने से पूजा का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है. यह शिवजी को अर्पित करने पर उनके विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति होती है.
सावन के प्रत्येक सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में स्नान कर शिवलिंग पर जल, दूध और बेलपत्र के साथ दो लौंग अवश्य चढ़ाएं. साथ ही "ॐ शिवाय नमः" का जाप करें. इस सरल उपाय से इच्छित फल शीघ्र मिलता है.