आजकल युवाओं में फैशन के नाम पर रंग-बिरंगे जूते पहनना आम हो गया है. कोई नीले जूते पहनता है, तो कोई लाल, पीले या हरे रंग के शूज पहनता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में इन रंग-बिरंगे जूतों को लेकर विशेष चेतावनी दी गई है? ज्योतिषाचार्यों के अनुसार, पैर वह अंग है जिससे पृथ्वी तत्व का सीधा संपर्क होता है और इस पर पहने जाने वाले वस्त्र व जूते व्यक्ति के ग्रहों पर सीधा प्रभाव डालते हैं.
रंग-बिरंगे और चमक-धमक वाले जूते राहु ग्रह को सक्रिय कर देते हैं. राहु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना गया है, जो भ्रम, धोखा, आकस्मिक नुकसान और मानसिक तनाव का कारण बनता है.
राहु का प्रभाव: अत्यधिक चटक रंगों वाले जूते, जैसे लाल, पीले, हरे या बैंगनी रंग, राहु और केतु को प्रभावित करते हैं. इससे जीवन में अस्थिरता, नौकरी में बाधा, रिश्तों में तनाव और मानसिक बेचैनी हो सकती है.
अनियंत्रित ऊर्जा: विविध रंगों की ऊर्जा अलग-अलग ग्रहों से जुड़ी होती है. जब इन्हें अनियंत्रित तरीके से पहना जाता है, तो यह व्यक्ति की ऊर्जा प्रणाली को असंतुलित कर देती है.
धार्मिक दृष्टि से दोष: पवित्र स्थानों या पूजा-पाठ के समय ऐसे रंगीन जूते पहनना राहु दोष को और बढ़ा सकता है.
फैशन अपनी जगह है, लेकिन अगर वह आपकी किस्मत और मानसिक शांति पर असर डाले तो सतर्क होना जरूरी है. ज्योतिष अनुसार संतुलित रंगों के जूते न सिर्फ सौभाग्य बढ़ाते हैं, बल्कि राहु जैसे अशुभ ग्रह के प्रभाव को भी शांत करते हैं.