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देश का अनोखा मंदिर, जहां प्रसाद खाने को लेकर है 'खास' नियम; हजारों साल से भक्त निभा रहे परंपरा

KhetlajI Baba History: राजस्थान के सोनाणा गांव में सोनाणा खेतलाजी नाम का मंदिर मौजूद है. इस मंदिर को खेतलाजी बाबा के नाम से भी जाना जाता है. यहां मंदिर का प्रसाद बहार लेकर जाने के लिए मना किया जाता है. मंदिर परिसर में ही इसका प्रसाद खाना होता है. इस मंदिर में भगवान खेतलाजी के साथ गणपति और मां चामुंडा भी विराजित हैं. यहां भक्त नंगे पैर दर्शन करने आते हैं.

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Edited By: India Daily Live
Sonana Khetlaji Temple
Courtesy: Social Media

Sonana Khetlaji Temple: हिंदू धर्म से जुड़े कई ऐसे धार्मिक स्थल है जहां दर्शन करने से सभी इच्छी पूरी हो जाती है. इन सभी का इतिहास बेहद खास होता है. कुछ मंदिर में दुनियाभर से भक्त दर्शन करने आते हैं. कुछ मंदिर ऐसी जगह स्थित होती है जहां पहुंचना काफी मुश्किल होता है. क्या आपको पता है भारत में एक ऐसा मंदिर भी है जहां प्रसाद बाहर लेकर जाना मना होता है. 

जिस मंदिर की हम बात कर रहे हैं उसका नाम सोनाणा खेतलाजी मंदिर. यह मंदिर पाली में बना हुआ है. यहां भक्त मंदिर का प्रसाद बाहर लेकर नहीं जा सकते हैं. सभी भक्त परिसर में ही प्रसाद खाते हैं. इस मंदिर से जुड़ी एक दिलचस्प रहस्य है. 

कहां है खेतलाजी मंदिर?

राजस्थान के सोनाणा गांव में सोनाणा खेतलाजी मंदिर बना हुआ है. इस मंदिर को खेतलाजी बाबा नाम से भी पहचाना जाता है. इस मंदिर को भगवान खेतलाजी के भक्तों ने बनाया था. कहा जाता है कि वह एक बार जोधपुर आए थे और एक पहाड़ी गुफा में विराजमान हुए थे. भक्त लगभग 800 सालों से पूजा करते आ रहे हैं. इस मंदिर में भगवान खेतलाजी के साथ गणपति और मां चामुंडा भी विराजित हैं. मां चामुंडा के पाव पर काला-गोरा विराजमान हैं. गोरा और काला भैरव की मूर्ति मंदिर के पहाड़ पर लगी हुई है. 

बाहर ने प्रसाद खान है मना

राजस्थान के लोग खेतलाजी बाबा को देवता की तरह पूजते हैं. ऐसा कहा जाता है कि खेतलाजी बाबा ही अनाज और आंधी-तूफान से बचाते हैं. जीवन में कुछ भी हासिल किया हो या कोई भी खुशी हो तो भक्त खेतलाजी बाबा के मंदिर जाते हैं. कुछ भक्त खेतलाजी बाबा को चूरमा भोग चढ़ाते हैं. हैरानी की बात तो यह है कि यहां मंदिर के अंदर ही प्रसाद खाना होता है. यह रिवाज सालों से चली आ रही है. 

हर साल लगता है मेला

हर साल होली के मौके पर 2 दिन पूजा लगता है जिसमें 1 लाख से भी ज्यादा लोग घूमने आते हैं. इस मेले में सभी भक्त नंगे पैर चलते हैं. ऐसा माना जाता है कि अगर कोई भक्त नंगे पैर मंदिर पहुंचता है तो खेतलाजी बाबा मनचाही इच्छा को पूरा करते हैं. 

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.