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Solar Eclipse 2024: कुछ ही घंटों में होने वाली है सूर्यग्रहण की शुरुआत, इन जगहों पर दिन में भी हो जाएगी रात

Solar Eclipse 2024: कुछ ही घंटों बाद साल 2024 पहला और पूर्ण सूर्यग्रहण लगने वाला है. यह दुर्लभ संयोग 54 साल बाद बनने जा रहा है. इस ग्रहण के लगते ही पृथ्वी के कुछ हिस्सों में दिन में भी अंधेरा छा जाएगा. 

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Courtesy: pexels

Solar Eclipse 2024: साल 2024 के पहले सूर्यग्रहण की शुरुआत अब से कुछ ही घंटों में होने वाली है. इस खगोलीय घटना को देखने के लिए वैज्ञानिक काफी उत्सुक हैं, क्योंकि सूर्यग्रहण का यह नजारा करीब 54 साल बाद देखने को मिल रहा है. यह ग्रहण काफी लंबा रहने वाला है. ज्योतिष की नजर से देखें तो ग्रहण को शुभ नहीं माना जाता है और यह ग्रहण सोमवती अमावस्या के दिन पड़ रहा है. 

साल 1970 में ऐसा ग्रहण पड़ा था और अब 54 साल बाद फिर यह दुर्लभ संयोग देखने को मिलने वाला है. विज्ञान के अनुसार जब सूर्य व पृथ्वी के बीच में चंद्रमा आ जाता है तो चंद्रमा के पीछे सूर्य का बिम्ब कुछ समय के लिए ढक जाता है, यह घटना सूर्यग्रहण कहलाती है. 8 अप्रैल को लगने वाला सूर्यग्रहण काफी खास रहने वाला है. इस ग्रहण के लगने से दुनिया के कुछ हिस्सों में दिन में भी अंधेरा हो जाने वाला है. 

ज्योतिष के अनुसार इस कारण पड़ता है सूर्यग्रहण

ज्योतिष के अनुसार जब भगवान श्रीहरि विष्णु मोहिनी रूप धारण करके देवताओं को अमृत पिला रहे थे तो स्वरभानु नाम का एक दैत्य रूप बदलकर देवताओं की लाइन में बैठ गया था, इस दैत्य को देवता समझकर जब भगवान श्रीहरि विष्णु अमृत देने लगे तो सूर्य और चंद्रमा ने उसको पहचान लिया और भगवान विष्णु को बता दिया. क्रोध में आकर श्रीहरि विष्णु ने उस दैत्य पर सुदर्शन चक्र चला दिया इससे की गर्दन धड़ से अलग हो गयी.

दैत्य अमृत पान कर चुका था. इस कारण उसकी मृत्यु नहीं हुई और उसका सिर राहु और धड़ केतु कहलाया. ज्योतिष में राहु और केतु को मायावी ग्रह कहा जाता है. राहु और केतु आज भी चंद्रमा और सूर्य को अपने दुश्मन मानते हैं. इस कारण ये चंद्रमा को पूर्णिमा और सूर्य को अमावस्या के दिन कुछ देर के लिए अपने मुख में रख लेता है. जितनी देर चंद्रमा या सूर्य राहु के मुख में रहते हैं, उतनी देर का समय चंद्र या फिर सूर्य ग्रहण कहलाता है. 

साल 2024 का है पहला सूर्यग्रहण

साल 2024 में 8 अप्रैल को साल का पहला सूर्यग्रहण लगने जा रहा है. यह सूर्यग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने वाला है, क्योंकि जब यह ग्रहण लगेगा तब भारत में रात का समय होगा. यह ग्रहण सोमवार की रात्रि 9 बजकर 12 मिनट से शुरू होगा और 1 बजकर 25 पर समाप्त होगा. वहीं, अमेरिका में यह दोपहर 03 बजकर 42 पर शुरू होगा और शाम 7 बजकर 55 तक रहेगा. इस दौरान 7 मिनट के लिए पूरी धरती पर अंधेरा छा जाएगा.  

यह होता है आंशिक और पूर्ण सूर्यग्रहण में फर्क 

ग्रहण कई चरणों में लगता है. आंशिक सूर्यग्रहण में चंद्रमा द्वारा सूर्य का कोई एक हिस्सा ढक लिया जाता है. वहीं, जब चंद्रमा पूरा सूर्य ढक ले तो पूर्ण सूर्यग्रहण पड़ जाता है. इसके साथ ही वलयाकार भी सूर्यग्रहण तब दिखाई देता है, जब चंद्रमा सूर्य को पूरी तरह से ढक नहीं पाता है. 

1970 में पड़ा था ऐसा सूर्यग्रहण

54 साल बाद ऐसा पूर्ण सूर्यग्रहण देखने को मिल रहा है. इसके पहले साल 1970 में ऐसा सूर्यग्रहण दिखाई दिया था. उस समय यह ग्रहण अफ्रीका महाद्वीप में दिखाई दिया था. इस बार यह ग्रहण कनाडा, न्यूफाउंडलैंड के कुछ हिस्से और अमेरिका आदि जगहों पर दिखाई देगा. इस दौरान 7.5 मिनट तक सूर्य दिखाई नहीं देगा. ऐसे में जहां रात नहीं होगी वहां भी कुछ देर के लिए अंधेरा हो जाएगा. 

Disclaimer : यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है.  theindiadaily.com  इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.