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Ahoi Ashtami 2025: 13 या 14 अक्टूबर, किस दिन रखा जाएगा अहोई अष्टमी का व्रत? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Ahoi Ashtami Muhurat: अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को होता है, जो खासकर संतानवती महिलाओं के लिए महत्वपूर्ण है. इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और सुरक्षा के लिए अहोई माता की पूजा करती हैं, और उपवासी रहकर व्रत करती हैं.

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Edited By: Princy Sharma
Ahoi Ashtami 2025
Courtesy: Pinterest

Ahoi Ashtami 2025: अहोई अष्टमी का व्रत हर साल कार्तिक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है, और यह विशेष रूप से संतानवती महिलाओं के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन महिलाएं संतान की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और उनकी सुरक्षा के लिए अहोई माता की पूजा करती हैं. 

यह व्रत करवा चौथ की तरह ही कठोर होता है, जिसमें महिलाएं पूरे दिन उपवासी रहकर व्रत करती हैं. संतान सुख की प्राप्ति के लिए इस दिन विशेष पूजा की जाती है.

पौराणिक कथा और महत्व

इस व्रत का पौराणिक महत्व एक दिलचस्प कहानी से जुड़ा हुआ है. कहा जाता है कि एक महिला ने अनजाने में एक साही के बच्चे को मार दिया था, जिसके कारण उसके पुत्र की भी मृत्यु हो गई. इस दुख से परेशान महिला ने माता पार्वती से मार्गदर्शन लिया और उनसे अहोई माता की पूजा करने की सलाह ली. इसके बाद महिला ने पूजा की और उसके पुत्र को पुनः जीवन मिला. तभी से संतान की उम्र लंबी और सुखमय बनाने के लिए यह व्रत किया जाने लगा.

पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

इस साल अहोई अष्टमी 13 अक्टूबर 2025 को होगी, जो रात 12:24 बजे से शुरू होकर 14 अक्टूबर को सुबह 11:09 बजे तक समाप्त होगी. पूजा का शुभ मुहूर्त 13 अक्टूबर को शाम 05:33 बजे से लेकर 06:47 बजे तक रहेगा. इस दिन महिलाएं अहोई माता की पूजा करने के बाद रात को आकाश में तारे देखकर उन्हें अर्घ्य देती हैं. पूजा के दौरान शिव-पार्वती का ध्यान और शिव चालीसा का पाठ करना भी अत्यधिक लाभकारी माना जाता है. माना जाता है कि इससे न सिर्फ संतान के जीवन में खुशहाली आती है, बल्कि परिवार में सुख और समृद्धि का वास होता है.

शिव चालीसा का पाठ

अहोई अष्टमी के दिन शिव चालीसा का पाठ करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है. इससे परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आगमन होता है. यदि आप संतान सुख की प्राप्ति और उनके जीवन में खुशहाली चाहती हैं, तो इस दिन शिव चालीसा का पाठ करें.

Disclaimer: यहां दी गई सभी जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. theindiadaily.com इन मान्यताओं और जानकारियों की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह ले लें.