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India Daily

'हर स्टेशन पर मसाज वाली चेयर, 1600 घंटे की यात्रा में कोई थकान नहीं', दिल्ली के उद्यमी ने की चीन में सुविधाजनक जिंदगी की तारीफ

आकाश बंसल की पोस्ट पर भारत में सुविधाओं को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. उन्होंने कहा, “यह सच्ची प्रगति है! 25-30 साल पहले चीन पिछड़ा था, आज वे सुपरपावर हैं, जबकि भारत भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और राजनीति में उलझा है.”

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Edited By: Sagar Bhardwaj
no fatigue in 1600 hours of travel Delhi entrepreneur praises comfortable life in China

दिल्ली के एक उद्यमी ने हाल ही में चीन की हाई-स्पीड ट्रेन से की गई 1600 किलोमीटर की यात्रा के अनुभव को साझा कर सोशल मीडिया पर चर्चा छेड़ दी है. उन्होंने चीन की सुविधाजनक और व्यवस्थित जीवनशैली की तारीफ की, जिसने भारत की बुनियादी ढांचे की तुलना को उजागर किया.

चीन की हाई-स्पीड ट्रेन का अनुभव

दिल्ली के उद्यमी आकाश बंसल ने X पर अपने अनुभव साझा किए, जिसे करीब 15 लाख लोगों ने देखा. उन्होंने लिखा, “मैंने एक दिन में 1600 किमी की यात्रा की, 3 घंटे की मीटिंग की और दिन के अंत में मुझे बिल्कुल भी थकान महसूस नहीं हुई. यह दिखाता है कि चीन में जीवन कितना सुविधाजनक है. मैंने सुबह ट्रेन ली, 800 किमी की यात्रा की, मीटिंग की और रात को अपने बिस्तर पर सोने वापस आ गया.”

बंसल ने स्टेशनों की सुविधाओं की भी तारीफ की. उन्होंने कहा, “स्टेशनों पर हजारों लोगों के बैठने की व्यवस्था है, जिनमें 30% मसाज चेयर हैं. करीब 100 रुपये में आप मसाज लेते हुए इंतजार कर सकते हैं. सब कुछ इतना व्यवस्थित है, कोई अव्यवस्था नहीं.” उन्होंने एक घटना का जिक्र किया, जहां स्टेशन पर पहुंचने पर एक सुरक्षाकर्मी ने स्वतः उनकी मदद की. “मैंने कुछ नहीं कहा, फिर भी उसने मेरा टिकट चेक किया और 10 मिनट बाद वाली ट्रेन में बदलाव कर दिया.”

लोगों का फूटा गुस्सा

बंसल की पोस्ट पर भारत में अव्यवस्था को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. भारत राम (@AwliLuwlyKoli
) ने टिप्पणी की, “जब लोग कहते हैं कि हम चीन के करीब हैं, तो मुझे हंसी आती है. लेकिन निष्पक्षता में, जब चीन ने ये रेल लाइनें बनाईं, तब वहां विपक्ष, स्थानीय बाहुबली या वोटबैंक की राजनीति नहीं थी.”

नबील काजी (@nQaze) नाम के यूजर ने भारत और चीन की ट्रेनों की स्पीड की तुलना की. उन्होंने कहा, “चीन की सुपरफास्ट ट्रेन 350 किमी/घंटा की रफ्तार से चलती है, जबकि वंदे भारत 120 किमी/घंटा. मैंने हाल ही में ग्वांगझो से शान्ताउ तक 450 किमी की यात्रा 1 घंटे 45 मिनट में की.” बेंगलुरु के प्रशांत (@TechiePrashant) ने भारत की प्रगति पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, “यह सच्ची प्रगति है! 25-30 साल पहले चीन पिछड़ा था, आज वे सुपरपावर हैं, जबकि भारत भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी और राजनीति में उलझा है.”

किफायती और आरामदायक यात्रा

बंसल ने बताया कि एक तरफ का टिकट करीब 4000 रुपये का था, जो इतनी दूरी और सुविधाओं के लिए उचित है. उनकी पोस्ट ने भारत में बुनियादी ढांचे के विकास पर चर्चा को तेज कर दिया.