कहते हैं प्यार में हिंसक से हिंसक इंसान बदल जाता है. धीरे-धीरे वह इंसानियत सीखने लगता है लेकिन क्या हो अगर कोई हैवान बन जाए. जो इंसान, लोगों की बीमारियां ठीक करता हो, वही मानसिक रूप से ऐसे बीमार हो जाए कि उसे अपनों के कत्ल पर ही अफसोस न हो. हैदराबाद से एक ऐसा ही मामला सामने आया है. एक फिजियोथेरेपिस्ट ने इश्क में पागल होकर, न केवल अपनी पत्नी को मार डाला, बल्कि दो मासूम बच्चियों का भी कत्ल कर दिया.
32 साल के फिजियोथेरेपिस्ट बोडा प्रवीण को हत्या के बाद भी कोई अफसोस नहीं था. वह मजे से अपनी गर्लफ्रैंड के साथ रह रहा था. उसे फर्क ही नहीं पड़ रहा था कि वह हत्यारा है और उसने अपनी बीवी और बच्चियों को मार डाला है. अगर पुलिस ने उसे पकड़ा न होता तो वह मजे से आजाद रहकर घूमता है.
प्रावीण ने अपनी पत्नी कुमारी और बच्चियों को मार डाला था. उसकी गर्लफ्रैंड सोनी फ्रांसिस ने कहा कि तुम अपने परिवार को खत्म कर दो. प्रवीण ने 28 मई को इन्हें मारकर कार एक्सीडेंट बता दिया. उसने अपनी पत्नी को एनेस्थेटिक इंजेक्शन दिया जिससे बाद वह बेहोशी की हाल में पहुंच गई. उसने अपनी दो बच्चियों को भी मार डाला. उसने कार की फ्रंट सीट पर ले जाकर उनके नाक और मुंह को दबाकर कत्ल कर दिया. दम घुटने से उनकी मौत हो गई.
हादसे के 48 दिन बाद पुलिस ने प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया और न्यायिक हिरासत में भेजा है. रघुनाथापालेम पुलिस के मुताबिक, हादसे के बाद उसे कुछ चोटें आई थीं. उसने खुद से कार लड़ा दिया था. इलाज के बाद वह सामान्य जिंदगी जीने लगा था और कहा कि पत्नी की मौत हादसे में हुई है.
न्यूज18 की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस को शक तब हुआ जब कुमारी के शरीर पर निडिल के निशान नजर आए. इसके अलावा कोई और निशान शरीर पर नहीं थे, न ही बच्चियों पर कोई जख्म थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद परिवार को पुलिस ने लाश सौंप दी थी. उसी दिन, क्राइम सीन पर पुलिस पहुंची थी. प्रवीण ने हादसे की झूठी कहानी पुलिस को बताई. जब पूरी कार तलाशी गई तो एक सिरिंज मिली. यह खाली थी लेकिन इससे हमें क्लू मिल गई.
पुलिस ने सिरिंज को जब फॉरेंसिक लैब भेजा तो राज खुला. प्रवीण अपनी गर्लफ्रैंड के साथ एक रूम में रह रहा था. वह हैदराबाद के एक अस्पताल में फिजियोथेरेपिस्ट के तौर पर काम कर रहा था. प्रवीण पत्नी से अलग एक घर में अपनी गर्लफ्रैंड सोनी फ्रांसिस के साथ रहता था. उसे अपने काम पर कोई पछतावा नहीं है.
पुलिस ने खास रणनीति से उसे गिरफ्तार किया. पुलिस को शक था. 45 दिनों तक, पुलिस ने एक बार भी उसे कॉल तक नहीं किया. वह केस से ही बाहर था. पुलिस को जैसे ही फॉरेंसिक रिपोर्ट मिली, उसे गिरफ्तार कर लिया गया. उसी ने अपनी पत्नी और बच्चियों को मौत के घाट उतार दिया था.