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क्या 'सत्ता परिवर्तन' की आहट से कांप रहा शेयर बाजार! समझें इस भारी गिरावट के मायने

बाजार की भारी गिरावट के बीच अब निवेशकों में चुनाव के नतीजों की चर्चा शुरू हो गई है. निवेशक बाजार की इस गिरावट को चुनाव के नतीजों से जोड़कर देख रहे हैं.

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Share market decline

देश में जारी लोकसभा चुनाव के बीच शेयर बाजार में भारी गिरावट देखने को मिल रही है. कुछ दिनों पहले जो निफ्टी इंडेक्स 23000 का आंकड़ा छूने की कगार पर था वो धड़ाम होकर 21957.50 पर आ चुका है. गुरुवार को निफ्टी में 345 अंकों की भारी गिरावट देखने को मिली. विदेशी संस्थागत निवेशक (FIIs) लगातार भारतीय शेयर बाजार से अपना पैसा निकाल रहे हैं. अब बाजार केवल घरेलू संस्थागत निवेशकों के सहारे दम दिखाने की कोशिश कर रहा है लेकिन यह गिरावट रुकने का नाम नहीं ले रही है.

बाजार की भारी गिरावट के बीच अब निवेशकों में चुनाव के नतीजों की चर्चा शुरू हो गई है. निवेशक बाजार की इस गिरावट को चुनाव के नतीजों से जोड़कर देख रहे हैं.

तो क्या सत्ता परिवर्तन के संकेत दे रहा बाजार
लोकसभा चुनाव के तीन चरण पूरे हो चुके है. इन तीन चरणों में लगभग आधी से अधिक सीटों पर मतदान हो चुका है. ऐसा लगता है कि तीन चरणों के मतदान प्रतिशत से बाजार खुश नहीं है और शायद उसने चुनाव के नतीजों को पहले ही भांप लिया है.

डरा रहा मतदान का कम प्रतिशत

दरअसल लोगसभा चुनाव के तीन चरणों में मतदान का प्रतिशत बेहद कम रहा है और इतिहास गवाह है कि  मतदान का प्रतिशत कम होने पर अधिक बार सत्ता परिवर्तन देखा गया है. यहां गौर करने वाली बात ये भी है कि लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में जिसमें भाजपा के कई बड़े नेता मैदान में थे उस चरण में पिछले दो चरणों के मुकाबले और भी कम मतदान हुआ जिसने भाजपा के साथ साथ बाजार को भी डरा दिया है.

सत्ता परिवर्तन से क्यों घबराता है बाजार
दरअसल, ज्यादातर निवेशक सत्ता परिवर्तन को सकारात्मक नहीं मानते, ऐसा इसलिए क्योंकि उन्हें लगता है कि नई सरकार के आने से पुरानी सरकार के प्रोजेक्ट्स रुक जाएंगे और सरकार की जिन योजनाओं में उन्होंने निवेशक किया है उनके रुकने से उन्हें घाटा होगा.

सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंचा इंडिया VIX
शेयर बाजार में अस्थिरिता (Volatility) दर्शाने वाला इंडिया विक्स इंडेक्स सप्ताह के अपने उच्चतम स्तर 19 पर जा पहुंचा है, जो संकेत दे कहा है कि बाजार की यह उठा पटक और ज्यादा बढ़ने वाली है.