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ज्यादा प्यूरीफाइड पानी भी हो सकता है जान के घातक, इस तरह से करे सही क्वालिटी की पहचान

Purified Drinking Water : हमारी धरती कई कीमतों चीजों को देती है. जिसमें से एक पानी भी है, हालांकि आज के समय में धरती के इस अमुल्य खजाने पर धीरे-धीरे प्रदुषण का ग्रहण ऐसा लगा है कि लोग पानी को प्यूरीफाइड करके पीने लगे हैं.

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Edited By: Suraj Tiwari
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हाइलाइट्स

  • ज्यादा प्यूरीफाइड पानी जान के लिए घातक
  • ये पानी नहीं पीना चाहिए

Purified Drinking Water : हमारी धरती कई कीमतों चीजों को देती है. जिसमें से एक पानी भी है, हालांकि आज के समय में धरती के इस अमुल्य खजाने पर धीरे-धीरे प्रदुषण का ग्रहण ऐसा लगा है कि लोग पानी को प्यूरीफाइड करके पीने लगे हैं. जहां जहां जयवायु असंतुलन के रूप में समस्या बनती जा रही है वहीं शारीरिक परिणामों पर लोगों को स्वस्थ रहने के लिए जो पानी आवश्यक है वो उन्हें मिल नहीं पा रहा है जिस वजह से कई पोषक तत्वों की कमी भी महसूस हो रही है. 

ज्यादा प्यूरीफाइड पानी जान के लिए घातक

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) और 'ब्यूरो ऑफ इंडिया  स्टैंडर्ड' ने प्यूरीफाइड पानी को लेकर एक आदर्श मानक तय किया है. जिसके तहत पानी की शुद्धता को 'टोटल डिसॉल्व्ड सोल्स (TDS)' से मापा जाता है. वहीं अगर मापने के दौरान पता चलता है कि अगर पानी को अधिक साफ कर दिया गया है तो वह स्वास्थ्य के लिए खतरनाक हो सकता है.

ये पानी नहीं पीना चाहिए

ब्यूरो ऑफ इंडिया  स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक एक लीटर पानी में टीडीएस की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम हो जाए तो वह पानी पीने योग्य माना जाता है लेकिन यहीं मात्रा अगर 250 मिलीग्राम से कम आ जाती है तो वह पीने लायक नहीं होता, क्योंकि इस पानी में मौजूदा खनिज आपके शरीर में नहीं पहुंचता. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक प्रति लीटर पानी में टीडीएस की मात्रा 300 से लेकर 600 मिलीग्राम तक हो, तो वो पानी पीने के लिए योग्य माना जाता है.

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