बढ़ता वायु प्रदूषण लोगों की जिंदगी के लिए खतरा बनता जा रहा है. राजधानी दिल्ली और मुंबई में बढ़ते वायु प्रदूषण को लेकर हाल ही में हुए एक सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. सर्वे के अनुसार, दिल्ली और मुंबई के 60 प्रतिशत इन शहरों में बढ़ते वायु प्रदूषण के कारण अन्य शहरों में बसने का विचार कर रहे हैं.
वायु प्रदूषण के कारण हो रहीं सांस संबंधी परेशानियां
स्वास्थ्य सुविधाएं देने वाली एक कंपनी Pristyn Care ने दिल्ली, मुंबई और वहां के नजदीकी इलाकों में रहने वाले करीब 4,000 लोगों पर यह सर्वे किया है. सर्वे में शामिल 10 में से 9 लोगों ने कहा कि उन्हें खतरनाक होते वायु प्रदूषण सूचकांक (AQI) के कारण सांस लेने में समस्या, घरघराहट, गला खराब होना, आंखों में पानी आना और जलन जैसी समस्याओं से गुजरना पड़ा है.
सर्दियों में गंभीर हो रहे अस्थमा-ब्रॉन्काइटिस जैसे रोग
इस सर्वे में सर्दियों में खराब होती वायु गुणवत्ता के कारण इंसानों पर पड़ने वाले गहरे हानिकारक प्रभाव को भी बताया गया. सर्वे में शामिल हुए 40 प्रतिशत लोगों ने कहा कि सर्दियों में खराब वायु गुणवत्ता के कारण उनके और उनके प्रियजनों जो सांस से संबंधित बीमारियां जैसे अस्थमा या ब्रॉन्काइटिस था वो गंभीर हो गया.
35 प्रतिशत लोगों ने बाहरी गतिविधियों से की तौबा
सर्वे में सामने आया है कि वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली-मुंबई के 10 में से 4 निवासियों को हर साल या कुछ सालों में स्वास्थ्य परेशानियों से गुजरना पड़ता है. जब उन लोगों से पूछा गया कि क्या वे वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव करते हैं. इस पर 35 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वायु प्रदूषण के कारण उन्होंने बाहरी गतिविधियों जैसे बाहर जाकर कसरत करना या दौड़ने को बंद कर दिया है, जबकि 30 प्रतिशत ने कहा कि वे मास्क पहनकर ही बाहर निकलते हैं.
27 प्रतिशत लोग कर रहे एयर प्यूरिफायर्स का इस्तेमाल
वहीं सर्वे में शामिल दिल्ली-मुंबई के 27 प्रतिशत लोगों ने कहा वे अपने घर में एयर प्यूरिफायर्स का इस्तेमाल कर रहे हैं. वहीं 43 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वे इस बात को लेकर असमंजस में हैं कि एयर प्यूरिफायर प्रतिरोधक क्षमता को प्रभावित करते हैं.