LPG Price Hike: 1 अक्टूबर से देशभर में आम आदमी और कारोबारियों पर महंगाई की एक और मार पड़ी है. सरकारी तेल विपणन कंपनियों इंडियन ऑयल, एचपीसीएल और बीपीसीएल ने कमर्शियल एलपीजी (रसोई गैस) और एटीएफ (एविएशन टर्बाइन फ्यूल) की कीमतें बढ़ाने का ऐलान किया है. नई दरें मंगलवार सुबह 6 बजे से लागू हो गईं. हालांकि, राहत की बात यह है कि घरेलू इस्तेमाल होने वाले 14.2 किलोग्राम वाले गैस सिलेंडर की कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और चेन्नई जैसे बड़े महानगरों में अब रेस्टोरेंट, होटल और छोटे कारोबारी कमर्शियल गैस सिलेंडर के लिए पहले से ज्यादा कीमत चुकाएंगे. वहीं एयरलाइंस कंपनियों पर भी एटीएफ की बढ़ोतरी का सीधा असर पड़ेगा, जिससे भविष्य में हवाई यात्रा महंगी होने की आशंका है. कीमतों की यह समीक्षा हर महीने की पहली तारीख को की जाती है और यह अंतरराष्ट्रीय बाजार के दाम और डॉलर विनिमय दर से प्रभावित होती है.
नई दरों के मुताबिक 19 किलो के कमर्शियल एलपीजी सिलेंडर की कीमत अब दिल्ली में 1,595.5 रुपये, कोलकाता में 1,700.5 रुपये, मुंबई में 1,547 रुपये और चेन्नई में 1,754.5 रुपये हो गई है. दिल्ली में इसमें 15.5 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. यह बदलाव लगातार चार बार की कटौती के बाद किया गया है.
सरकारी कंपनियों ने घरेलू एलपीजी के दाम स्थिर रखे हैं. दिल्ली में 14.2 किलो का सिलेंडर अभी भी 853 रुपये, मुंबई में 852.5 रुपये, कोलकाता में 879 रुपये और चेन्नई में 868.5 रुपये में उपलब्ध है. यानी आम घरों के बजट पर फिलहाल कोई अतिरिक्त बोझ नहीं डाला गया है.
एलपीजी की कीमतें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल और गैस की दरों, विदेशी मुद्रा दरों और मांग-आपूर्ति पर निर्भर करती हैं. तेल विपणन कंपनियां हर महीने इन कारकों को ध्यान में रखते हुए नई दरें तय करती हैं. यही वजह है कि कभी दाम घटते हैं तो कभी बढ़ जाते हैं.
सिर्फ एलपीजी ही नहीं, बल्कि विमानन टर्बाइन ईंधन (एटीएफ) की कीमतों में भी संशोधन किया गया है. नई दिल्ली में अब एयरलाइंस को 93,766.02 रुपये प्रति किलोलीटर चुकाने होंगे, जो 3,052.5 रुपये की बढ़ोतरी है. इस कदम से आने वाले समय में हवाई यात्रा महंगी हो सकती है.
कमर्शियल गैस की बढ़ी कीमतों का सीधा असर रेस्टोरेंट, होटल और कैटरिंग सेवाओं पर पड़ेगा. वहीं एटीएफ की बढ़ोतरी से विमान कंपनियों की लागत बढ़ेगी, जिसका बोझ यात्रियों पर डाला जा सकता है. ऐसे में अक्टूबर की शुरुआत महंगाई के साथ हुई है, जिससे कारोबारी जगत और आम उपभोक्ता दोनों प्रभावित होंगे.