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भारत के 'कामसूत्र' ने अंग्रेजी में काटा था गदर, पूरी दुनिया में खरीदने की लग गई थी होड़

Kamasutra: कामसूत्र की किताब को लेकर उन लोगों के मन में एक गलत धारणा बनी है, जिन्होंने इस पुस्तक को पढ़ी नहीं है. अंग्रेजी में प्रकाशित होने के बाद इस किताब ने इतिहास रच दिया था.

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Kamasutra: कामसूत्र. इसका नाम पर अलग-अलग कारणों के लिए सुना होगा. लेकिन बहुत कम लोगों को ही पता है कि ये एक किताब है. जिसे भारत के महर्षि वात्स्यायन (Vatsyayana) ने  लिखा था. इस किताब को जो उपलब्धि मिली यौन संहिता पर आधारित शायद ही किसी अन्य पुस्तक को मिली हो. इसने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तब कहर ढाया जब इसका पहली बार अंग्रेजी में संपादन किया गया.

रिचर्ड एफ बर्टन ने लगभग 200 वर्ष पहले कामसूत्र का अंग्रेजी अनुवाद इंग्लैंड में प्रकाशित किया तो इस किताब को खरीदने वालों की होड़ लग गई. वैसे माना ये जाता है कि महर्षि वात्स्यायन ने लगभग 400 ईसा पूर्व में कामसूत्र को बनारस में लिखा था.

कामसूत्र को लेकर फैला है भ्रम

कामसूत्र यौन संहिता पर आधारित दुनिया की ऐसी पहली किताब है जो ये बताती है कि वैवाहिक जीवन में कैसे खुश रखा जा सकता है. कैसे खुशी अपने जीवनसाथी के साथ जीवन बिताया जा सकता है.

जब भी इस किताब की बात होती है तो लोगों को यही लगता है कि यह यह किताब सिर्फ सेक्स पर ही आधारित है. लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं. इस किताब एक अध्याय 'संप्रयोगिकम्' में ही सेक्स को लेकर बातें की गई हैं. बाकी के अध्यायों में जीवन जीने की कला का वर्णन किया गया है. इस किताब को पढ़ने से स्त्री और पुरुष के आचार-व्यवहार के बारे में पता चलता है.

काम के क्षेत्र में कामसूत्र का जलवा

वर्तमान समय में दुनिया में बोली जाने वाली अलग-अलग भाषाओं में इस किताब को पढ़ा जा सकता है. पिछले 200 सालों में कामसूत्र दुनियाभर में लोकप्रिय किताबों में से एक है. जिस तरह से आर्थिक और राजनीति के क्षेत्र में आचार्य चाणक्य की चाणक्य नीति का जलवा है ठीक उसी प्रकार काम के क्षेत्र में वात्स्यायन के कामसूत्र का जलवा है.

ब्रह्मचारी थे लेखक

महर्षि वात्स्यायन ऋषि को लेकर कहा जाता है कि वो एक ब्रह्मचारी थे. इसके बावजूद उन्होंने काम को लेकर इतनी बड़ी पुस्तक लिख दी, जो दुनियाभर में मशहूर है. कामसूत्र में लगभग 1250 श्लोक हैं.