रेलवे ने एक बार फिर रखरखाव और ट्रैक आधुनिकीकरण के चलते नागपुर मंडल में ट्रेनों को अस्थायी रूप से रोकने का फैसला लिया है. डोंगरगढ़ सेक्शन में तकनीकी अपग्रेड का काम शुक्रवार रात से शुरू किया गया, जिसकी वजह से अगले तीन दिन सफर की रफ्तार धीमी रहने वाली है. रेलवे अधिकारियों का कहना है कि यह कदम सुरक्षा और बेहतर रेल संचालन के लिए उठाया गया है. हालांकि काम जरूरी है, लेकिन इसका असर यात्रियों की दिनचर्या पर साफ दिखेगा.
ऑनलाइन बुकिंग करने वालों को टिकट रद्द होने की सूचना मिल रही है, लेकिन स्टेशन से टिकट लेने वाले यात्रियों को यह जानकारी पहले से खुद जांचनी होगी. लिस्ट देखने की सुविधा वेबसाइट और स्टेशन नोटिस बोर्ड दोनों पर उपलब्ध है. जागरूकता ही आखिरी समय की भागदौड़ से बचाएगी.
रेलवे ने बताया कि डोंगरगढ़ सेक्शन में ट्रैक की क्षमता बढ़ाने, सिग्नल सिस्टम को आधुनिक बनाने और लाइन स्थिरता सुधारने का काम किया जा रहा है. यह कार्य लगातार 72 घंटों तक चलेगा, इसलिए इस अवधि में लोकल गाड़ियों को रोकना जरूरी समझा गया. रेल पटरियों पर मशीन आधारित जांच और बदलाव भी किया जाएगा, जिससे ट्रेन संचालन में अस्थायी अंतराल बनेगा. रेलवे का दावा है कि काम पूरा होने के बाद गति, सुरक्षा और समयबद्धता में सुधार दिखेगा.
स्टेशन पर रोज़ सफर करने वाले यात्रियों में इस बदलाव को लेकर चिंता देखी जा रही है. रायपुर, गोंदिया, दुर्ग और इतवारी रूट्स पर चलने वाली अधिकतर लोकल गाड़ियां प्रभावित हैं. सुबह-शाम की यात्रा पीक टाइम में भी संचालन बंद रहेगा, जिससे बस, कार-शेयरिंग और अन्य साधनों पर निर्भरता बढ़ेगी. यात्रियों का कहना है कि सबसे बड़ी परेशानी तब होती है जब सूचना स्टेशन पहुंचने के बाद मिलती है. इसलिए रेलवे अपडेट को पहले से जांच लेना यात्रा-तैयारी का मुख्य हिस्सा बन चुका है.
रेलवे द्वारा जारी सूचना के अनुसार 26 और 27 दिसंबर को मेमू सेवाओं पर सबसे अधिक असर रहेगा. 27 दिसंबर को गोंदिया-दुर्ग, रायपुर-डोंगरगढ़, रायपुर-इतवारी पैसेंजर और झारसुगुड़ा-गोंदिया मेमू समेत कई गाड़ियां पूरी तरह बंद रहेंगी. सबसे पहले फीडर लोकल सेवाएं रोकी जाएंगी, ताकि ट्रैक मशीनों को पर्याप्त समय मिल सके. टिकट बुक कर चुके यात्री कैंसिलेशन का विकल्प चुनकर रिफंड ले रहे हैं. लिस्ट को अंतिम समय से पहले जांचना ही सबसे सुरक्षित उपाय है.
विशेषज्ञ मानते हैं कि रेल संचालन में अस्थायी रुकावट आम बात है, लेकिन सूचना समय पर मिल जाए तो यात्रा-प्रबंधन आसान हो जाता है. रद्द ट्रेनों की जांच से यात्री भीड़ में फंसने, ट्रेन छूटने और अतिरिक्त खर्च से बच सकते हैं. डिजिटल माध्यम से सूचना उपलब्ध होने के बाद भी बड़ी संख्या में यात्री लिस्ट नहीं देखते. रेलवे ने अपील की है कि यात्रा-दिवस से पहले लिस्ट देख लें, ताकि समय, पैसा और मानसिक तनाव बचाया जा सके.
रेलवे का कहना है कि यह काम अस्थायी परेशानी जरूर देगा, लेकिन इसका लक्ष्य बड़ा है. अपग्रेड के बाद ट्रैक पर कंपन कम होगा, सिग्नल तेज मिलेंगे और ट्रेनें ज़्यादा सुरक्षित तरीके से तय समय पर चल सकेंगी. यात्रियों को सुझाव दिया गया है कि वे टिकट स्थिति, ट्रेन टाइमिंग और रूट अलर्ट पर नज़र बनाए रखें. अगले तीन दिन वैकल्पिक योजना बनाकर सफर करना बेहतर रहेगा. रेलवे अपडेट अब यात्रा-सुरक्षा का नया कवच बन चुका है.