नया साल आते ही वैष्णो देवी जाने वालों के लिए यात्रा के तरीके में बड़ा बदलाव हुआ है. 1 जनवरी 2026 से श्राइन बोर्ड ने भीड़ कंट्रोल करने के लिए टाइम-लिमिट वाले नियम लागू कर दिए हैं. अब यात्रा शुरू करने और कटरा लौटने का समय तय रहेगा. बोर्ड का कहना है कि नए साल पर भीड़ कई गुना बढ़ जाती है, इसलिए यह कदम उठाया गया है, ताकि रास्ते में जाम न लगे और दर्शन आराम से हो सकें.
RFID कार्ड अब सिर्फ पहचान के लिए नहीं, बल्कि यात्रा की घड़ी भी बन गया है. इसे लेने के बाद आपको 10 घंटे में ट्रैक पर निकलना होगा और 24 घंटे में कटरा लौटना होगा. यह फैसला इसलिए लिया गया है, ताकि लोग घंटों-दिनों तक भवन इलाके में न रुकें और लाइन लंबी न हो. बोर्ड का दावा है कि इससे बुजुर्ग, बच्चे और महिलाओं को सबसे ज्यादा फायदा मिलेगा, क्योंकि भीड़ कम होगी और दर्शन जल्दी होंगे.
अब नियम साफ और सीधा है. RFID कार्ड लेने के बाद 10 घंटे के अंदर यात्रा शुरू करनी होगी. मतलब, कार्ड मिला और तैयारी की, फिर जल्दी से ट्रैक पर निकलना होगा. दर्शन के बाद 24 घंटे में कटरा लौटना भी जरूरी है. इससे रास्ते में बेवजह रुकने वाले लोग कम होंगे. बोर्ड का कहना है कि इससे जाम नहीं लगेगा और पैदल चलने वालों को सांस लेने तक की जगह मिल पाएगी.
कटरा से भवन तक दूरी करीब 13 किलोमीटर है. आम इंसान इसे पैदल 6 से 8 घंटे में चढ़ लेता है और उतना ही समय उतरने में लगता है. पहले लोग कभी भी निकलते थे और भवन में कई-कई दिन रुक जाते थे, जिससे लाइन और भीड़ बढ़ती थी. अब ऐसा नहीं होगा. समय तय होने से लोग धीरे-धीरे, लेकिन लगातार ट्रैक पर चलते रहेंगे. इससे रास्ता खुला-खुला लगेगा और यात्रा कम थकाने वाली महसूस होगी.
जम्मू तवी स्टेशन से कटरा 50 किलोमीटर है, जिसे टैक्सी या बस से डेढ़ घंटे में पूरा किया जा सकता है. जम्मू एयरपोर्ट से कटरा 70 किमी और श्रीनगर एयरपोर्ट से 200 किमी है. दोनों जगह से टैक्सी-बस मिलती हैं. कटरा से आगे आप पैदल, घोड़ा, पिट्ठू, बैटरी कार या हेलीकॉप्टर ले सकते हैं. मतलब, ऑप्शन खूब हैं, लेकिन शुरुआत और वापसी का समय अब फिक्स रहेगा.
यात्रा पर जाने से पहले ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना जरूरी है. कटरा स्टेशन पर रजिस्ट्रेशन सेंटर रात 12 बजे तक खुला रहता है, ताकि देर से आने वालों को परेशानी न हो. रजिस्ट्रेशन और RFID मिलते ही आपकी यात्रा की टाइम-लिमिट शुरू हो जाती है. इसलिए कागज-काम पहले ही निपटा लें और कार्ड लेते ही यात्रा की तैयारी रखें. इससे आप भी आराम में रहेंगे और लाइन भी छोटी रहेगी.
श्राइन बोर्ड ने साफ कहा है कि यह नियम किसी को परेशान करने के लिए नहीं, बल्कि सुरक्षित यात्रा के लिए है. भीड़ कम होने से बीमारी, मौसम खराब या किसी इमरजेंसी में मदद जल्दी पहुंच सकेगी. रास्ते में रेस्क्यू टीम तेजी से काम कर पाएगी. लाइन कम होगी तो दर्शन भी जल्दी होंगे. बोर्ड का मानना है कि अब माता के दर्शन में कम इंतजार और ज्यादा सुकून मिलेगा.