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India Daily

11 साल बाद बढ़ेंगी पेंशन की रकम, दीवाली से पहले कर्मचारियों को मिल सकता है दीवाली गिफ्ट!

कर्मचारियों की पेंशन योजना (EPS-95) के तहत मिलने वाली न्यूनतम मासिक पेंशन में 11 साल बाद पहली बार बढ़ोतरी हो सकती है.

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Edited By: Kuldeep Sharma
EPFO
Courtesy: SOCIAL MEDIA

EPFO set to approve EPS-95 pension hike: देश के करोड़ों सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए यह सप्ताह बेहद महत्वपूर्ण साबित हो सकता है. EPS-95 पेंशन स्कीम की शुरुआत 1995 में हुई थी और 2014 में पहली बार ₹1,000 की न्यूनतम पेंशन निर्धारित की गई थी. लेकिन उसके बाद से अब तक कोई संशोधन नहीं हुआ है. 

महंगाई के इस दौर में यह राशि जरूरतों के सामने बेहद कम साबित हो रही है. वर्षों से पेंशनर्स एसोसिएशनों और ट्रेड यूनियनों द्वारा बढ़ोतरी की मांग उठाई जा रही थी, जिसे अब EPFO गंभीरता से लेते हुए बोर्ड मीटिंग में चर्चा के लिए ला रहा है.

क्या है प्रस्ताव और इसकी प्रक्रिया?

मीटिंग में प्रस्तावित संशोधन के अनुसार न्यूनतम पेंशन ₹1,000 से बढ़ाकर ₹2,500 की जा सकती है. हालांकि कुछ संगठन इसे अपर्याप्त मानते हुए ₹7,500 प्रतिमाह की मांग कर रहे हैं, लेकिन वर्तमान आर्थिक संतुलन और फंडिंग स्थितियों को देखते हुए EPFO फिलहाल ₹2,500 पर सहमति बना सकता है. बैठक में प्रस्ताव पास होने के बाद इसे लागू करने के लिए केंद्र सरकार की मंजूरी जरूरी होगी, जिससे कुछ समय लग सकता है.

कौन हैं EPS-95 के पात्र पेंशनधारी?

EPS-95 के अंतर्गत पेंशन प्राप्त करने के लिए कम से कम 10 वर्षों की सेवा और न्यूनतम 58 वर्ष की आयु आवश्यक है. पेंशन की गणना इस फार्मूले से होती है: (पेंशन योग्य वेतन × सेवा वर्ष) ÷ 70

यहां पेंशन योग्य वेतन पिछले 60 महीनों के औसत वेतन (बेसिक + डीए) पर आधारित होता है, जिसे ₹15,000 प्रतिमाह तक सीमित किया गया है. इस हिसाब से यदि किसी कर्मचारी ने 35 वर्षों तक सेवा दी है, तो उसे लगभग ₹7,500 तक पेंशन मिल सकती है.

EPFO 3.0: भविष्य की डिजिटल तैयारी

पेंशन बढ़ोतरी के साथ-साथ EPFO की इस बैठक में 'EPFO 3.0' प्रोजेक्ट की भी समीक्षा की जाएगी. यह एक व्यापक डिजिटल परिवर्तन परियोजना है, जिसका उद्देश्य EPFO को पूरी तरह पेपरलेस और टेक-ड्रिवन बनाना है. इसके अंतर्गत UPI से त्वरित PF निकासी, एटीएम सुविधा, रियल-टाइम क्लेम सेटलमेंट, ऑनलाइन डेथ क्लेम प्रोसेसिंग जैसी सेवाएं शामिल होंगी. यह सिस्टम 2026 तक लागू होने की संभावना है और भारत की प्रमुख IT कंपनियां जैसे इंफोसिस, विप्रो और टीसीएस इसे विकसित कर रही हैं.

और क्या होगा एजेंडे में?

मीटिंग में निवेश नीतियों, फंड संरचना, प्रशासनिक सुधार और संगठनात्मक ढांचे से जुड़े विषयों पर भी चर्चा होगी. इन फैसलों का सीधा असर न केवल मौजूदा पेंशनर्स पर पड़ेगा, बल्कि आने वाले वर्षों में रिटायर होने वाले कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा को भी प्रभावित करेगा. ऐसे में यह बैठक सिर्फ एक पेंशन वृद्धि नहीं, बल्कि एक व्यापक बदलाव की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है.