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India Daily

TTP ने अफगान सीमा के पास पाकिस्तानी सैन्य काफिले पर किया हमला, 11 जवान शहीद

Pir Agha Kandahari: पाकिस्तान के अफगानिस्तान की सीमा के पास बुधवार को एक सैन्य काफिले पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के आतंकवादियों ने बम और गोलियों से हमला किया, जिसमें नौ पैरा मिलिट्री जवान और दो अधिकारियों की मौत हो गई. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तानी तालिबान ने ली है.

TTP attacks Pakistani military convoy near Afghan border
Courtesy: AI

TTP attacks Pakistani military convoy near Afghan border: अफगानिस्तान से लगी पाकिस्तानी सीमा के पास बुधवार को एक सैन्य काफिले पर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) के चरमपंथियों द्वारा किए गए बम और गोलीबारी हमले में नौ अर्धसैनिक जवान और दो अधिकारी मारे गए. पाकिस्तानी तालिबान ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है.

स्थानीय सुरक्षा सूत्रों के अनुसार, काफिले को पहले सड़क किनारे लगाए गए बमों से निशाना बनाया गया. इसके बाद बड़ी संख्या में आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी की. इस हमले की घटना पाकिस्तान के उत्तर-पश्चिमी जिले कुर्रम में हुई. TTP ने बयान जारी कर कहा कि उनके लड़ाकों ने इस काफिले पर हमला किया.

 पुलिस ने दी जानकारी 

इस हमले से एक दिन पहले, पाकिस्तान सुरक्षा बलों ने काफिले के ऑपरेशन में अफगान मूल के एक महत्वपूर्ण TTP आतंकवादी को मार गिराया. स्थानीय पुलिस के अनुसार, पिर आगा कंधारी को मंगलवार को बाजौर जिले के गाबिर क्षेत्र में मार गिराया गया. यह इलाका अफगान सीमा के पास स्थित है. पुलिस ने बताया कि मारे गए आतंकवादी का संबंध कई आतंकवादी गतिविधियों से था, जिसमें सुरक्षा बलों पर हमले और आम नागरिकों की हत्या शामिल थी.

एयरस्ट्राइक का नतीजा

पिछले महीने, खैबर पख्तूनख्वा के एक गांव में विस्फोट में कम से कम 30 लोग मारे गए थे. स्थानीय सूत्रों के अनुसार यह हादसा पाकिस्तानी वायु सेना की रातभर की एयरस्ट्राइक का नतीजा था, जबकि एपी समाचार एजेंसी ने पुलिस के हवाले से बताया कि यह विस्फोट TTP द्वारा रखे गए बम बनाने वाले पदार्थ के कारण हुआ. पुलिस ने आतंकवादियों पर "नागरिकों को मानव ढाल के रूप में इस्तेमाल करने" का आरोप लगाया.

हाल के महीनों में, TTP ने पाकिस्तान की सुरक्षा बलों पर हमलों की संख्या बढ़ा दी है. पाकिस्तान का कहना है कि ये आतंकवादी पड़ोसी अफ़गानिस्तान का इस्तेमाल प्रशिक्षण और हमले की योजना बनाने के लिए करते हैं, जिसे काबुल नकारता है. विशेषज्ञों का कहना है कि टीटीपी का उद्देश्य सरकार को उखाड़ फेंकना और देश में अपने कट्टरपंथी इस्लामी शासन को लागू करना है.