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Auto Tips : खरीदने जा रहे हैं सेकेंड हैंड टू व्हीलर तो इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकता है भारी नुकसान

Auto Tips : जब भी आप कोई सेकेंड हैंड टू-व्हीलर खरीदने जा रहे हों तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए. इससे आप एक अच्छा व्हीकल ही अपने घर लाएंगे.

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Mohit Tiwari
Auto Tips : खरीदने जा रहे हैं सेकेंड हैंड टू व्हीलर तो इन बातों का रखें ध्यान, वरना हो सकता है भारी नुकसान

Auto Tips : आजकल देश में टू-व्हीलर्स की मांग बढ़ती जा रही है. इसके साथ ही नए टू-व्हीलर्स जरूरत से ज्यादा महंगे हो गए हैं. इस कारण लोग सेकेंड हैंड मोटरसाइकिल या स्कूटी खरीद लेते हैं. सेकेंड हैंड चीज को अगर सही से न देखा जाए तो आपको खराब चीज भी मिल सकती है. इसके साथ आपका पूरा पैसा बर्बाद हो सकता है.

आजकल मार्केट में इस्तेमाल किए हुए दोपहिया वाहनों की मांग बढ़  रही है. जब भी आप दो पहिया वाहन खरीदने जाते हैं तो आप काफी कंफ्यूज रहते हैं. इस कारण हम आपको कुछ ऐसी टिप्स देने जा रहे हैं, जिनको अपनाकर आप एक अच्छा सेकेंड हैंड टू-व्हीलर अपने घर ला सकते हैं.

अपनाएं ये टिप्स

जरूरत के अनुसार चुनें गाड़ी- पुराना वाहन खरीदते समय आपको अपनी जरूरत का ध्यान रखना चाहिए. अगर आपको ज्यादा दूरी तय करनी होती है  तो अधिक माइलेज देने वाला मॉडल लेना चहिए. इसके साथ ही उसका इंजन भी पॉवरफुल होना चाहिए. इसके साथ ही ऑनलाइन भी उस व्हीकल के बारे में जानकारी ले सकते हैं.

जरूर लें टेस्ट राइड- जब भी आप टू-व्हीलर खरीदें तो उसकी टेस्ट राइड अवश्य लें. इसके लिए पहले उसे चलाकर अच्छे से चेक कर लें.

इन चीजों की जांच करें- सेकेंड हैंड टू-व्हीलर लेते समय जांचें कि कहीं उसका इंजन तो पहले से बना हुआ नहीं हैं. इसके साथ ही आपको किसी भी प्रकार के तेल का रिसाव, फ्रेम में किसी प्रकार की जंग आदि को देख लेना चाहिए. इसके साथ ही इंजन से निकलने वाले धुएं को भी देंखे. इसके साथ ही यह भी चेक करें कि इंजन से कोई असामान्य सी आवाज तो नहीं आ रही है. इसके अलावा क्लच और ब्रेक की जांच करें. इंजन ऑयल के चिकनाई की जांच, स्विच, लाइट और सेल्फ-स्टार्ट की जांच कर लें. गाड़ी के टायरों के अलावा मॉडल के चेसिस नंबर, इंजन के नंबर आदि का मिलान आरसी से कर लें. इन सभी चीजों की जांच अवश्य कर लें.

दस्तावेजों की करें जांच- टू-व्हीलर खरीदने से पहले सारे दस्तावेजों, इंजन और चेसिस नंबर, रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट, पॉल्यूशन सर्टिफिकेट और चालना आदि की जांच करें. इसके साथ ही आरटीओ द्वारा जारी किए गए फार्म 28,29 और 30 को भी एनओसी के साथ चेक करें. इसके साथ ही सर्विसिंग से संबंधित दस्तावेजों की भी जांच कर लें. इसके साथ ही इस बात की भी जांच करें कि बीमा आपके नाम पर ट्रांसफर हो जाए.

प्राइस में मोलभाव अवश्य करें- आपको वाहन के प्राइस का नेगोशिएशन अवश्य करना चाहिए. विक्रेता और खरीदार दोनों कीमत पर सहमत होने के बाद ही खरीद प्रक्रिया को पूरा किया जा सकता है. 

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