पिछले ढाई सालों में करीब डेढ़ लाख नौकरियां देने के बाद अब अमेरिकी कंपनी एप्पल भारत में अपने कर्मचारियों को एक और खास तोहफा देने जा रही है. कंपनी भारत में अपने कर्मचारियों को घर देने पर विचार कर रही है. दरअसल, एप्पल चीन, वियतनाम में भी इसी हाउसिंग मॉडल को फॉलो करती है. यानी चीन और वियतनाम में भी कंपनी अपने कर्मचारियों को घर मुहैया कराती है.
तमिलनाडु को मिलेंगे सबसे ज्यादा 58000 घर
इकोनॉमिक टाइम्स ने सरकारी अधिकारियों के हवाले से लिखा है कि फॉक्सकॉन, टाटा, सैलकॉम्प जैसी ऐप्पल की अनुबंध निर्माता और आपूर्तीकर्ता कंपनियां अपने कर्मचारियों को घर देने की योजना बना रही हैं. ये सभी घर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर बनाए जा रहे हैं. यह प्राइवेट सेक्टर की अपनी तरह की सबसे बड़ी पहल है. इस पहल का लक्ष्य 78,000 यूनिट का निर्माण करना है. इनमें से सबसे ज्यादा 58000 घर तमिलनाडु को मिलेंगे. तमिलनाडु राज्य उद्योग संवर्धन निगम (SIPCOT) सबसे अधिक घरों का निर्माण करेगा. टाटा ग्रुप और एसपीआर इंडिया भी घर बनाने में शामिल है.
10-15 प्रतिशत फंड दे सकती है केंद्र सरकार
केंद्र सरकार इस योजना में 10-15 प्रतिशत फंड दे सकती है, जबकि बाकी पैसा राज्य सरकारों और कंपनियां लगाएंगी. अधिकारियों का अनुमान है कि 31 मार्च 2025 को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष तक इन घरों का निर्माण पूरा हो जाएगा और इन्हें प्राइवेट सेक्टर को सौंप दिया जाएगा.
क्या है योजना का उद्देश्य
एक अधिकारी ने कहा कि बड़े पैमाने पर कर्मचारी आवास बनाने का उद्देश्य कर्मचारी की दक्षता बढ़ाना और उसे सुरक्षा प्रदान करना है, खासकर उन महिलाओं के लिए जिनमें से अधिकांश 19-24 साल की हैं.