एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारत में अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सेवा शुरू कर सकती है. सूत्रों के अनुसार, कंपनी को भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) से Global Mobile Personal Communication by Satellite (GMPCS) लाइसेंस मिलने वाला है. स्टारलिंक ने इस लाइसेंस के लिए जरूरी सभी सुरक्षा मानकों का पालन कर लिया है, जो उसे मई में मिले लेटर ऑफ इंटेंट (LoI) में बताए गए थे.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने जानकारी दी है कि, “स्टारलिंक को 7 जून तक सभी शर्तें पूरी करने का समय दिया गया था, जिसे कंपनी पहले ही पूरा कर चुकी है. अब जून महीने के भीतर इसे लाइसेंस मिल जाएगा.”
अमेज़न की Kuiper को करना होगा और इंतजार
स्टारलिंक की प्रतिद्वंद्वी अमेरिकी कंपनी Amazon Kuiper को भारत में सेवा शुरू करने के लिए अभी और इंतजार करना पड़ेगा. उसकी लाइसेंस प्रक्रिया अभी शुरुआती चरण में है और DoT में उसका आवेदन विचाराधीन है.
In-SPACe और स्पेक्ट्रम की मंजूरी के बाद शुरू होगी सेवा
लाइसेंस मिलने के बाद, स्टारलिंक को भारतीय अंतरिक्ष नियामक In-SPACe (Indian National Space Promotion and Authorization Center) से भी मंजूरी लेनी होगी. कंपनी का आवेदन इस समय अंतिम चरण में है. इसके बाद, एक इंटर-मिनिस्ट्रीयल स्टैंडिंग कमेटी से भी अंतिम हरी झंडी मिलेगी.
जब ये सभी औपचारिकताएं पूरी हो जाएंगी, तो कंपनी को अस्थायी स्पेक्ट्रम आवंटन मिलेगा और इसके बाद भारत में हाई-स्पीड सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सेवा का रास्ता साफ़ हो जाएगा.
देश के ग्रामीण और दुर्गम क्षेत्रों को मिलेगा बड़ा फायदा
स्टारलिंक की सेवा शुरू होने से भारत के उन हिस्सों में इंटरनेट पहुंचेगा, जहां अब तक ब्रॉडबैंड या मोबाइल नेटवर्क नहीं पहुंच पाए हैं. पहाड़ी, रेगिस्तानी और आदिवासी इलाकों में यह तकनीक संचार की बड़ी क्रांति ला सकती है.