Starlink Satellite Internet Launch: केंद्रीय टेलिकॉम मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में भारत में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड सर्विस के लॉन्च को लेकर बात की. उन्होंने कहा कि इन सर्विसेज की शुरुआत दो अहम बातों पर निर्भर करती है. इसमें एक है- कंपनियां कितनी जल्दी सर्विस शुरू करने की अपनी योजनाओं को अंतिम रूप दे पाती हैं और दूसरा- ट्राई कितनी जल्दी जरूरी स्पेक्ट्रम (एयरवेव्स) की कीमतें तय करती है.
इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC) 2025 के दौरान सिंधिया ने कहा, "यह इस बात पर निर्भर करता है कि कंपनियां कितनी जल्दी अपनी सर्विस शुरू करती हैं. उन्होंने यह भी बताया कि ट्राई को अभी स्पेक्ट्रम की कीमतों को भी अंतिम रूप देना है, जो एकमात्र बाधा बची है. जैसे ही ट्राई इसे पूरा कर लेता है तो आगे की प्रक्रिया शुरू हो सकती है.
कई बड़ी ग्लोबल कंपनियां भारत में सैटेलाइट इंटरनेट शुरू करने के लिए तैयार हैं. सरकार पहले ही यूटेलसैट वनवेब और जियो-एसईएस को लाइसेंस दे चुकी है. वहीं, स्टारलिंक को एक आशय पत्र (LoI) भी प्राप्त हो गया है, जिसका मतलब है कि उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति मिल गई है. हालांकि, अभी औपचारिक्ताएं पूरी करनी होंगी.
यूटेलसैट वनवेब के अध्यक्ष सुनील भारती मित्तल ने कहा कि कंपनी अंतिम अनुमति मिलते ही अपनी सर्विस शुरू करने के लिए तैयार है. वहीं, स्टारलिंक के इंडिया मार्केट डायरेक्टर पर्निल उर्ध्वारशे ने कहा कि कंपनी भारतीयों को सुरक्षित और हाई-क्वालिटी इंटरनेट उपलब्ध कराने के लिए तैयार है.
सिंधिया ने अन्य टेलिकॉम के मामलों पर भी बात की. टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि सरकार की कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की कोई योजना नहीं है. फिलहाल, सरकार वोडाफोन आइडिया में 49% हिस्सेदारी रखती है. लेकिन आगे और सेयर खरीदने का प्लान कंपनी का नहीं है.